राहुल और सोनिया गांधी के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मंगलवार को मुलाकात हुई. इस मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है. इस बीच एक बात निकलकर सामने आई है. सूत्रों के अनुसार, मीटिंग के दौरान राज्यों में चुनाव पर नहीं, बल्कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बातचीत की गई है. सबसे अहम बात जो सामने आई है वह है उम्मीदवार के तौर पर विपक्षी दलों की पसंद के रूप में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का नाम. दरअसल, माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) समूचे विपक्ष को साधने में लगे हैं. कोशिश है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के प्रमुख शरद पवार को अगले राष्ट्रपति के प्रत्याशी के तौर पर विपक्ष का उम्मीद्वार बानने की जुगत में लग गए हैं.
बता दें कि हाल ही में प्रशांत किशोर ने दो बार पवार से उनके आवास पर मुलाकात की थी. उस दौरान कयास लगाए जा रहे थे कि देश के विपक्षी दल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ नए सियासी समीकरण या तीसरे मोर्चे की तैयारी कर रहे हैं. बता दें कि साल 2022 में ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा होगा, ऐसे में देश को एक नए राष्ट्रपति की तलाश होगी.
2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के असफल होने के पांच साल बाद राहुल और किशोर की मुलाकात हुई थी. इस लिहाज से भी बैठक को काफी अहम माना जा रहा था. समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ रही कांग्रेस का 'यूपी के लड़कों' का नारा फेल हो गया था और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद किशोर ने कहा था यह होना ही था. उन्होंने कांग्रेस के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया था. साथ ही पार्टी को जिद्दी और अहंकारी बताया था. किशोर ने यह तक कह दिया था कि भविष्य में कांग्रेस के साथ काम करने का कोई सवाल नहीं उठता, लेकिन वो प्रियंका गांधी के संपर्क में बने रहेंगे.
बता दें कि मंगलवार को प्रशांत किशोर की राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ हुई बैठक को विपक्ष के बीच जमी बर्फ को पिघलाने वाली कड़ी के रूप में देखा जा रहा है. इस बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वर्चुअली शामिल हुई थीं. तब कहा जा रहा था कि यह मीटिंग पंजाब कांग्रेस में जारी कलह को खत्म करने या आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर की गई थी.
HIGHLIGHTS
- मंगलवार को 5 साल बाद राहुल गांधी और प्रशांत किशोर की मुलाकात हुई
- 2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के असफल होने के बाद नहीं हुई थी मुलाकात
- अब प्रशांत किशोर समूचे विपक्ष को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं