मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सिर्फ 15 महीनों में सत्ता गंवा बैठी, लेकिन अब वह विधानसभा की 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पूरी तैयारी से उतरने के मूड में है. इस उपचुनाव में कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. लिहाजा कांग्रेस प्रदेश में उपचुनाव की रणनीति की कमान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को सौंपने जा रही है.
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दरअसल, कांग्रेस ने प्रचार अभियान की कमान संभालने के लिए तीन कंपनियों के प्रस्ताव पर विचार किया था, जिसमें कमलनाथ ने अंतिम मुहर प्रशांत किशोर पर लगाई है. प्रशांत किशोर को मैदान में उतारकर कांग्रेस ने यह बता दिया है कि वह चुनाव को वह हल्के में नहीं लेने वाली है.
प्रशांत किशोर इससे पहले 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत का श्रेय ले चुके हैं. मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में भी प्रशांत किशोर ही कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने वाले मुख्य रणनीतिकार थे. प्रशांत ने बिहार में नीतीश कुमार को जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी की प्रचार की कमान संभाली और वहां भी जगनमोहन रेड्डी को जीत मिली। दिल्ली में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी की ओर से प्रशांत किशोर की बड़ी भूमिका रही है.
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गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने होली के दिन हाथ का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था और उनके साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में जाने से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी. अब मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है. इन सीटों के भरोसे कांग्रेस सत्ता में लौटना चाहती है लेकिन ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर कांग्रेस को किस ओर लेकर जाते हैं.
Source : News Nation Bureau