चार राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सॉफ्ट पॉवर के जरिए भगवान राम को चर्चा का मुद्दा बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. इंडियन कौंसिल फॉर रिसर्च सेंटर (आईसीसीआर) के प्रमुख विनय सहस्त्रबुद्धे ने तीन शहरों -नई दिल्ली, लखनऊ और पुणे- में रामायण महोत्सव आयोजित करने की तैयारी कर रखी है. सहस्त्रबुद्धे बीजेपी के उपाध्यक्ष भी हैं.
आईसीसीआर दावा करती है कि यह 'महाकाव्य की सांस्कृतिक व्याख्याओं को मंच पर प्रदर्शित' करने का एक त्योहार है. गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित इस शो का उद्घाटन करेंगे, जो भाजपा के लिए इस शो के महत्व को दिखाता है. सहस्त्रबुद्धे नेकहा, 'राम (रामायण) हमारे (भाजपा) लिए महत्वपूर्ण हैं. वह हमेशा से महत्ववूर्ण रहे हैं. इसके बारे में कोई दूसरा विचार नहीं है.
इसे भी पढ़ें:कंगाल पाकिस्तान दाने-दाने को हो जाएगा मोहताज, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने किया ये बड़ा खुलासा
यह अपने आप में दिलचस्प है कि रामायण महोत्सव अयोध्या में आयोजित नहीं किया जा रहा है, जिसे राम की जन्मभूमि माना जाता है। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल इस शहर का दौरा करेगा.
सहस्त्रबुद्धे ने पुष्टि की कि प्रतिनिधिमंडल 'राम लला' का दौरा करेगा, जोकि विवादित स्थल पर लगाई गई मूर्ति है, जिसके स्वामित्व पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है और मामले की रोजाना सुनवाई चल रही है.
सहस्त्रबुद्धे ने कांग्रेस का नाम लिए बिना उस पर चुटकी लेते हुए कहा, 'राम हमेशा लोकचर्चा में रहे हैं. हमें उन्हें लाने की जरूरत नहीं है. पिछली सरकारें क्षमाशील मुद्रा में ऐसा करती थीं, जबकि हम ऐसे नहीं हैं.'
और पढ़ें:अयोध्या केस: मुस्लिम पक्ष का दावा-1949 तक बाबरी मस्ज़िद में पढ़ी गई नमाज़
दिलचस्प है कि इस प्रतिनिधिमंडल में बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे इस्लामिक देशों के प्रतिनिधि भी हैं. यह भाजपा के रुख को मूर्त रूप देता है कि राम केवल विश्वास का विषय नहीं हैं, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक परिवेश का हिस्सा हैं.