भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा गेमचेंजप राफेल फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भर चुका है. यह अपने एकमात्र पड़ाव यूएई तक आ चुका है. यहां से सीधे भारत के लिए उड़ान भरेगा. फ्रांस से आ रहे पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचेगा. ये पांचों राफेल विमान 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर भारत पहुंचेंगे. बुधवार को ये राफेल अंबाला एयरबेस पर उतरेंगे. इसे लेकर अंबाला एयर बेस स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है. इस दौरान सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. अंबाला एयरबेस के 3 किलोमीटर के दायरे को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया गया है. एयरबेस के तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी.
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अंबाला में एयरबेस को लेकर बंदोबस्त की जानकारी देते हुए अंबाला छावनी के डीएसपी राम कुमार ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने यह भी बताया कि ये अंबाला के लिए गर्व की बात है और अगर कोई नियमों की उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी. अंबाला से चीन सीमा की दूरी करीब 300 किमी है. इसलिए इन राफेल विमानों को यहीं रखा जाएगा.
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भारत का फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों को लेकर 2016 में समझौता हुआ था. इसके बाद भारत को मिलने वाले राफेल विमानों की यह पहली खेप है. समझौते के मुताबिक 2 साल में भारत को 36 राफेल विमान मिलने हैं. 5 राफेल विमान बुधवार को अंबाला पहुंच रहे हैं. इन्हें वायु सेना के बेड़े में शामिल कि जाएगा. फाइनल इंडक्शन सेरेमनी अगले महीने के दूसरे पखवाड़े में होगी. इन राफेल को दो स्क्वॉड्रन में शामिल किया जाएगा. पहला स्क्वाड्रन पश्चिमी क्षेत्र के अंबाला से ऑपरेशनल होगा तो वहीं दूसरा पश्चिम बंगाल में हाशिमारा में तैनात होगा.
Source : News Nation Bureau