राज्यसभा सचिवालय को प्रणालीगत सुधार के मद्देनजर बड़े परिवर्तन की सिफारिश की गई है. जिसमें प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों में पारदर्शिता जल्द जवाबदेही के साथ निर्णय लेने की वकालत की गई है. करीब 130 सिफारिशों के साथ राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को रिपोर्ट दी गई है, ताकि वर्तमान में सचिवालय में मौजूदा 10 स्तरीय पदानुक्रम में से चार से पांच स्तरों को हटाकर करीब 75 प्रतिशत मुद्दों का निपटारा निचले और मध्यम स्तर पर किया जा सके.
इस रिपोर्ट में कार्य करने के तरीकों को बेहतर बनाने के 64 अनुभागों को 14 विभागों में पुनर्गठन की सिफारिश की गई है. ये अध्ययन सलाहकार और महासचिव डॉ.पी.पी.के.रामाचार्युलु ने किया है. अध्ययन के मुताबिक कार्य की क्षमता बढ़ाने और कौशल उन्नयन बढ़ाने के मद्देनजर वेतन बजट का 2.50 फ़ीसदी खर्च करने की सिफारिश की गई है. गौरतलब है कि 1952 में करीब 200 अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ राज्य सभा सचिवालय अस्तित्व में आया.
अब ये समय की जरूरतों के साथ 10 विभिन्न सेवाओं के साथ 1,700 कर्मियों तक बढ़ गया है. वहीं राज्ससभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सभी प्रणालीगत मुद्दों पर इस रिपोर्ट को तैयार करने में किए गए प्रयासों की सराहना की है. ये रिपोर्ट अध्ययन के लिए तैयार किए गए विभिन्न मुद्दों पर लिखित प्रतिक्रियाओं के अलावा सचिवालय के सभी वरिष्ठ और मध्यम स्तर के अधिकारियों के साथ व्यापक परामर्श पर आधारित है.
HIGHLIGHTS
- 1952 में करीब 200 कर्मचारियों के साथ राज्य सभा सचिवालय अस्तित्व में आया
- अब जरूरतों के साथ 10 विभिन्न सेवाओं के साथ 1,700 कर्मियों तक बढ़ गया है
Source : MOHIT RAJ DUBEY