चीन (China) से तनातनी के बीच एलएसी (LAC) पर भारतीय सेना और वायुसेना साझा युद्धाभ्यास कर रही है. इस युद्धाभ्यास में फाइटर और ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हुए. युद्धाभ्यास का मकसद दोनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना था. इस युद्धाभ्यास में सुखोई लड़ाकू विमान और चिनूक हेलिकॉप्टर शामिल हुए. कुछ समय पहले भी आर्मी और एयरफोर्स ने संयुक्त अभ्यास किया था.
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इसी बीच वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि राफेल के आने से वायुसेना मजबूत हुई है. उन्होंने कहा कि राफेल से पहले और लंबी दूरी तक वार करने में सफलता मिलेगी. दरअसल, भारतीय सेना को मालूम है कि वर्तमान गतिरोध के कारण लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर रक्षा कवच को कम नहीं किया जा सकता है. अभी भी गलवान घाटी, पैंगॉन्ग झील और दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सेना की तैनाती पहले जैसी बनी है. ऐसे में भारत किसी स्तर पर अपनी तैनाती को कम नहीं रखना चाहता है.
जानकारी के मुताहिक लद्दाख के लेह क्षेत्र में भारतीय सेना और वायुसेना का एक बड़ा युद्धाभ्यास कर रही हैं. इसमें भारतीय सेना के सुखोई-30 एमकेआई अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही सेना की रसद सामग्री और सिपाहियों को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए हरक्यूलिस और अलग-अलग मालवाहक विमान भी हिस्सा ले रहे हैं.
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इस युद्धाभ्यास में चिनूक हेलिकॉप्टर, मी-17 हेलिकॉप्टर भी हिस्सा ले रहे हैं. युद्धाभ्यास के दौरान सुखोई-30 ने आसमान में सुरक्षा घेरा बनाया, जिसके बाद सेना के मालवाहक विमान रसद, तोपें और सिपाहियों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने का कोआर्डिनेशन ऑपरेशन चल रहे हैं.
Source : News Nation Bureau