‘विदेशी प्रोपेगेंडा’ से भारत को घेरने की तैयारी? ब्रिटेन की संसद में हो सकती है किसान आंदोलन पर चर्चा

ब्रिटेन की संसद की याचिका समिति किसानों के प्रदर्शन और भारत में प्रेस की आज़ादी पर 'हाउस ऑफ कॉमन्स' परिसर में चर्चा कराने पर विचार कर रही है. 

author-image
Kuldeep Singh
New Update
Farmers Protest

किसान आंदोलन पर ब्रिटेन की संसद में हो सकती है चर्चा ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

किसान आंदोलन के नाम पर ‘विदेशी प्रोपेगेंडा’ रुकने का नाम नहीं ले रहा है. किसान आंदोलन की आड़ में भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना और पर्यावरण के लिए काम करने वालीं ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट्स के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और तूल देकर भारत सरकार को घेरने की तैयारी चल रही है. अब ब्रिटेन की संसद की याचिका समिति किसानों के प्रदर्शन और भारत में प्रेस की आज़ादी पर 'हाउस ऑफ कॉमन्स' परिसर में चर्चा कराने पर विचार कर रही है. 

यह भी पढ़ेंः जानिए किसने तैयार किया इस अंतर्राष्ट्रीय साजिश का ब्लूप्रिंट, BJP नेता का खुलासा

जानकारी के मुताबिक इस संबंध में एक ऑनलाइन याचिका पर 1,06,000 से ज्यादा हस्ताक्षर किए गए हैं. इस पर 'वेस्टमिंस्टर हॉल' में चर्चा कराने की तैयारी की जा रही है. ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों की सूची में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का नाम भी कथित तौर पर दिख रहा है, जो उन्होंने पश्चिम लंदन से संसद में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य की हैसियत से किए हैं. हालांकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास सह कार्यालय, 10 डाउनिंग स्ट्रीट ने बुधवार को इस बात से इनकार किया कि जॉनसन ने याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं. 

यह भी पढ़ेंः दिलजीत दोसांझ ने रिहाना पर बनाया गाना, Video ने रिलीज होते ही मचाई धूम

ब्रिटेन में अगर संसद की वेबसाइट पर किसी ई-याचिका पर 10,000 से ज्यादा हस्ताक्षर प्राप्त होते हैं, तो ब्रिटेन की सरकार के लिए आधिकारिक बयान देना जरूरी हो जाता है, जबकि किसी याचिका पर एक लाख से ज्यादा हस्ताक्षर होते हैं तो उस मुद्दे पर चर्चा के लिए विचार किया जाता है. इसी के सहारे पर भारत को घेरने की तैयारी की जा रही है.   
हाउस ऑफ कॉमन्स के प्रवक्ता ने कहा कि याचिका पर सरकार की प्रतिक्रिया इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है और चर्चा कराए जाने पर विचार किया जा रहा है.  

Source : News Nation Bureau

रिहाना कृषि कानून विदेशी प्रोपेगेंडा किसान प्रदर्शन ग्रेटा थनबर्ग Foreign propaganda
Advertisment
Advertisment
Advertisment