भारतीय कानून और न्याय मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति ने बॉम्बे उच्च न्यायालय ( Bombay High Court ) के न्यायाधीशों के रूप में 10 अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति किया हैं. दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट में अभी भी 32 न्यायाधीशों की कमी को पूरा किया जाना है. बहरहाल, न्याय विभाग से जारी अधिसूचना के अनुसार न्यायमूर्ति अविनाश गुणवंत घरोटे, न्यायमूर्ति नितिन भगवंतराव सूर्यवंशी, न्यायमूर्ति अनिल सत्यविजय किलोर, न्यायमूर्ति मिलिंद नरेंद्र जाधव, न्यायमूर्ति मुकुंद गोविंदराव सेवलिकर, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ज्ञानसिंह बिष्ट, न्यायमूर्ति देवद्वार बालचंद्र उग्रसेन, न्यायमूर्ति मुकुलिका श्रीकांत जावलकर, न्यायूर्ति सुरेंद्र पंधारीनाथ तावड़े और न्यायमूर्ति रूद्रसेन बोरकार उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से बंबई उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश होंगे.
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अतिरिक्त न्यायाधीश आम तौर पर दो साल के लिए नियुक्त किए जाते हैं और फिर उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत कर दिया जाता है. न्याय विभाग की वेबसाइट के अनुसार बंबई उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल मान्य संख्या 94 है लेकिन फिलहाल वहां 62 न्यायाधीश ही काम कर रहे हैं, 32 न्यायाधीशों की कमी है.
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वहीं, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि वे कोविड-19 महामारी से हुई मौतों के कारण दाह संस्कार की संख्या में वृद्धि से उपजे वायु प्रदूषण की समस्या का देखे.न्यायमूर्ति अमजद सैय्यद और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी ने पुणे की छह हाउसिंग सोसाइटी द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
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HIGHLIGHTS
- बॉम्बे हाईकोर्ट के दस अतिरिक्त जज पदोन्नत
- राष्ट्रपति ने 10 अतिरिक्त जज को न्यायाधीश के रूप में किया नियुक्त
- बॉम्बे हाईकोर्ट में जजों की सख्या 32