कृषि कानून के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा था. समय ना मिलने पर वह राजघाट पर धरने पर बैठ गए. अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र का हमारे किसानों के प्रति रवैया और राज्य के अधिकारों को कम आंकना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों के हितों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है. उनके साथ नवजोत सिंह सिद्धू भी धरने पर बैठ गए हैं.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान केंद्र द्वारा मालगाड़ियों के परिचालन को रोकने की वजह से पंजाब में बिजली संकट और आवश्यक सामानों की कमी को भी उजागर किया जाएगा. रेलवे ने पंजाब में ट्रेनों का परिचालन यह कहकर रोक दिया है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब भी कुछ पटरियों पर जमे हैं. हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि पटरियों पर से अवरोधक हटा लिए गए हैं और मालगाड़ियों को परिचालन की अनुमति दी जा रही है.
पंजाब विधानसभा ने पिछले महीने केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए तीन विधेयक पारित किए हैं. इसके साथ ही इन कृषि विधेयकों पर उनकी मंजूरी के लिए चार नवंबर या किसी भी उचित तारीख पर राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय मांगने के लिए सर्वदलीय प्रस्ताव को भी मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि प्रस्ताव के अनुरूप 21 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन को मुलाकात के लिए पत्र भेजा गया और इस संबंध में 29 अक्टूबर को भी स्मरण पत्र भेजा गया.
राष्ट्रपति भवन ने हालांकि, सोमवार को मुख्यमंत्री और उनके नेतृत्व में आने वाले प्रतिनिधिमंडल की राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय देने से मना कर दिया और कहा कि राज्य के कृषि विधेयक अब भी राज्यपाल के पास विचार के लिए लंबित है.
Source : News Nation Bureau