राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. विपक्ष ने अटल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है. जबकि, केंद्र की सत्ताधारी भाजपा ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल और आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है. इस बीच सबकी निगाहें यशवंत सिन्हा के पुत्र और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा पर टिकी थी कि वह अपने पिता और पार्टी में से किस को चुनते हैं. ऐसे में जयंत सिन्हा ने अपने बयान से सभी को चौंका दिया है. विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बनाए गए यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा ने पुत्र धर्म के बजाय पार्टी धर्म का निर्वाह करने का ऐलान किया है. जयंत सिन्हा शवंत सिंह के बारे में कहा कि वे मेरे आदरणीय पिता है, लेकिन वोट पार्टी के उम्मीदवार को दूंगा. गौरतलब है कि जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग क्षेत्र के सांसद हैं.
मीडिया से की पारिवारिक मामला नहीं बनाने की अपील
जयंत सिन्हा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पार्टी के सांसद हैं और इस नाते अपने संवैधानिक दायित्व को पूरी तरह निभाएंगे. अपने वीडियो जयंत ने कहा है कि मीडिया के लोग उनसे सवाल पूछ रहे हैं कि वे राष्ट्रपति चुनाव में किस को वोट देंगे. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह साफ कर देना चाहते हैं कि उनके आदरणीय पिता विपक्ष के उम्मीदवार हैं, पर यह उनके लिए कोई पारिवारिक मामला नहीं है. उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा है कि विपक्ष द्वारा मेरे आदरणीय पिता जी यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति हेतु प्रत्याशी घोषित किया गया है. मेरा निवेदन है कि आप सभी इसे पारिवारिक मामला न बनाएं.
पार्टी के फैसले को सराहा
एक अन्य पोस्ट में बुधवार को जयंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें बधाई दी है और इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा के प्रति आभार जताया है. उन्होंने द्रौपदी मुर्मू के साथ अपनी एक पुरानी फोटो भी शेयर की है. जयंत सिन्हा हजारीबाग के डेमोटांड़ स्थित आवास ऋषभ वाटिका में अपने पिता यशवंत सिन्हा के साथ ही रहते हैं. हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से तीन बार भाजपा के टिकट पर सांसद चुने गये यशवंत सिन्हा के आग्रह पर पार्टी ने वर्ष 2014 में उनकी जगह उनके पुत्र जयंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया था. विजयी होकर वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री भी बने. वर्ष 2019 में जयंत सिन्हा ने दो बार इस सीट पर जीत दर्ज की. इधर यशवंत सिन्हा ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की तीखी आलोचना करते हुए पार्टी से दूरी बना ली और कुछ महीनों पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये.
पत्नी ने ससुर की शख्सियत की दिखाई झलकी
गौरतलब है कि मंगलवार को विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने का जैसे ही एलान हुआ, उनके हजारीबाग स्थित आवास पर उनके समर्थक बड़ी संख्या में जमा हो गए. वहां मिठाइयां भी बांटी गई. इन सबके बीच जब लोग सोशल मीडिया पर जयंत सिन्हा से उनके स्टैंड और पुत्र धर्म को लेकर तरह-तरह के पोस्ट करने लगे तो उन्होंने वीडियो संदेश जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की. यशवंत सिन्हा की पत्नी नीलिमा सिन्हा भी सोशल मीडिया पर खासा सक्रिय रहती हैं. उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपने पति की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद एक टीवी चैनल पर उनके बारे में चलायी जा रही खबर की स्क्रीनशॉट फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा है-हु इज यशवंत सिन्हा? दरअसल, इस स्क्रीन शॉट के जरिए यशवंत सिन्हा की प्रोफाइल की संक्षिप्त झलक देने की कोशिश की है.
HIGHLIGHTS
- जयंत बोले यशवंत सिन्हा मेरे आदरणीय पिता
- वोट पार्टी के उम्मीदवार को देने का किया ऐलान
- सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर स्पष्ट की स्थिति
Source : News Nation Bureau