Advertisment

जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर देश के नागरिकों को राष्ट्रपति ने दी शुभकामनाएं

कृष्ण प्रेम के प्रतीक है. उत्तर से लेकर दक्षिण तक कृष्ण जन्माष्टमी कई रूपों में मनाया जाता है. सबसे खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के जेलों और पुलिस विभाग में यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है.

author-image
Pradeep Singh
एडिट
New Update
president

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद( Photo Credit : NEWS NATION)

Advertisment

कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में बहुत खास महत्व रखता है. यह योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. भारतीय समाज में कृष्ण का व्यक्तित्व बहुआयामी है. कृष्ण अधर्म पर धर्म की स्थापना, नीति और सखा भाव के लिए जाने जाते है. कृष्ण प्रेम के प्रतीक है. उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक कृष्ण जन्माष्टमी कई रूपों में मनाया जाता है. कृष्ण का जन्म जेल में और आधी रात को हुआ था. इसलिए उत्तर प्रदेश के जेलों और पुलिस विभाग में यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है.  

जन्माष्टमी के दिन मथुरा में कृष्ण के मंदिरों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है. कई जगह कृष्ण जी की लीलाओं का प्रदर्शन भी किया जाता है. क्योंकि भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था इसलिए रात में ही भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को नहलाया जाता है और उन्हें नए वस्त्र अर्पित किए जाते हैं. इस दिन बाल गोपाल को पालने में झुलाने की भी परंपरा है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर देश के नागरिकों को अपनी शुभकामनाएं दी और आशा व्यक्त की कि यह त्योहार लोगों को ‘‘नीतिपरायणता, सच्चाई और प्रतिफल से अधिक कर्तव्य’’के शाश्वत मूल्यों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा. कोविंद ने कहा, ‘‘जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनकी शिक्षाओं के प्रति स्वयं को समर्पित करने का त्योहार है.’’

कोविंद ने कहा, ‘‘यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के संदेश को प्रसारित करने का भी एक अवसर है, जिसमें नीतिपरायणता, सच्चाई और प्रतिफल से अधिक कर्तव्य पर बल दिया गया है. यह त्योहार हमें इन सभी शाश्वत मूल्यों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करे.’’

राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है, ‘‘जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर, मैं भारत और विदेशों में रहने वाले सभी नागरिकों को अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.’’

यह भी पढ़ें:Janmashtami: मुस्लिम संत भी हुए हैं कृष्ण भक्ति में सराबोर, लिखे हैं भक्ति गीत

हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. ये तिथि इस बार 30 अगस्त को पड़ रही है जिस कारण इसी दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. इस साल जन्माष्टमी के त्योहार पर हर्षण योग बन रहा है. ज्योतिष अनुसार ये योग शुभ और मंगलकारी माना जाता है. मान्यता है इस योग में किये जाने वाले कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.  

HIGHLIGHTS

  • जन्माष्टमी के दिन मथुरा में कृष्ण के मंदिरों में एक अलग ही रौनक
  • कई जगह कृष्ण जी की लीलाओं का प्रदर्शन भी किया जाता है
  • इस दिन बाल गोपाल को पालने में झुलाने की भी परंपरा है

 

 

Bhagwat Geeta Krishna Janmashtami Krishna Temple in Mathura President Ramnath Kovind
Advertisment
Advertisment
Advertisment