राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की चिली यात्रा के दौरान उनके सम्मान में हुए एक नृत्य कायर्क्रम से दुनिया भर का सिख समुदाय उद्दवेलित हो गया है. इसमें प्रस्तुत नृत्य प्रदर्शन के दौरान बैकग्राउंड में पवित्र गुरबानी का 'मूल मंत्र' बजने से सिख संगत ने 'मर्यादा भंग' होने की बात कह विरोध जताना शुरू कर दिया. बात शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तक पहुंचने के बाद राष्ट्रपति भवन को प्रेसिडेंट के सोशल मीडिया अकाउंट से इस कार्यक्रम का वीडियो क्लिप डिलीट करना पड़ा.
गौरतलब है कि प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद की चिली यात्रा के दौरान 31 मार्च को सेंटटियागो में एक डांस परफॉर्मेंस आयोजित की गई थी. कार्यक्रम की शुरुआत में ही 'मूल मंत्र' जपजी साहब के शुरू होते ही बैकग्राउंड में बजने लगे. इसी दौरान डांस भी शुरू हो गया. इसको लेकर पहले तो वहां उपस्थित सिख संगत के लोगों ने रोष प्रकट किया. बाद में प्रेसिडेंट के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस क्लिप को अपलोड करने के बाद दुनिया भर से विरोध के स्वर उठने लगे. यहां तक कि बात दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से होते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी तक जा पहुंची. इसके बाद राष्ट्रपति कार्यालय तक पत्राचार हुआ.
एसजीपीसी के प्रमुख सचिव डॉ. रूप सिंह के मुताबिक यह कृत्य सिख धर्म की मर्यादा के विरुद्ध है. उन्होंने कहा कि सिख धर्म में 'मूल मंत्र' और जपजी साहब प्रार्थनाओं का खासा महत्व है. इन्हें पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ गाया जाता है. ऐसे में इसकी धुन पर डांस पेश करना सिख धर्म की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है. उस पर राष्ट्रपति के ऑफिशियल टि्वटर हैंडल पर वीडियो लिंक अपलोड किए जाने से सिख समुदाय आहत महसूस कर रहा है.
वीडियो क्लिप को लेकर बढ़ रहे रोष की जानकारी होते ही राष्ट्रपति के टि्वटर समेत फेसबुक पेज से इस वीडियो लिंक को बुधवार को हटा दिया गया. हालांकि राष्ट्रपति भवन के सूत्रों का कहना है कि चिली यात्रा के दौरान आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुत गीत-संगीत को लेकर राष्ट्रपति या उनके कार्यालय का कोई लेना-देना नहीं था. आयोजकों ने अपने स्तर पर ही इक ओंकार, वैष्णव जन और गायत्री मंत्र का चयन किया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भारत की सांस्कृतिक विरासत के ध्वज वाहक हैं. वह स्वयं सिख गुरु गुरुनानक देव के जीवन और संदेश से प्रेरित हैं.
इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अकाल तख्त प्रमुख ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने राष्ट्रपति भवन के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से विवादास्पद वीडियो अपलिंक हटाने के बावजूद एसजीपीसी को मामले की पूरी जांच करने को कहा है. उनका कहना है कि खुद राष्ट्रपति सोशल मीडिया पर वीडियो को अपलोड नहीं करते हैं. उनके स्टाफ में से किसने इसे अपलोड किया यह सामने आना ही चाहिए.
Source : News Nation Bureau