विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने दिल्ली में पीएम मोदी के साथ मुलाकात की. यह मुलाकात शनिवार को दिल्ली में हुई. भारत में चल रही मंदी के दौरान यह मुलाकात काफी मायने रखती है. हालांकि सरकार ने इस खबर को खंडित किया है. लेकिन ऑटो सेक्टर में छंटनी और बढ़ती बेरोजगारी यह दर्शाती है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की.
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वहीं इससे पहले विश्व बैंक (world bank) ने भारत के संभावित विकास दर को घटा दिया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी भारत के संभावित विकास दर (development ratio) को झटका दिया था. IMF ने भारत की उम्मीद पर पानी फेर दिया है. IMF ने भारत के विकास दर को लेकर अप्रैल में लगाए गए अनुमान में 1.2 फीसदी की कटौती कर दी थी. उन्होंने सिर्फ 6.1 फीसदी रहने की संभावना जताई थी. हालांकि IMF ने भारत को राहत देते हुए कहा था कि 2020 में ग्रोथ रेट 7 पर्सेंट रहने की उम्मीद है. IMF ने 2019 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि (economy growth) दर का अनुमान घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया था.
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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) ने सरकार पर जनहित के मुद्दे भूलने और अनुच्छेद 370 को चुनावी मुद्दा बनाए जाने को लेकर आड़े हाथों लिया था. कपिल सिब्बल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) संकट में है. 15 अक्टूबर 2019 को आईएमएफ (IMF) की ओर से जारी ताजा आंकड़े देश की अर्थव्यवस्था का सच बता रहे हैं. अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के बयान भी मुश्किल हालात बता रहे हैं. दूसरी ओर मोदी सरकार के मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goel) का कहना है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी (Nobel Prize Winner Abhijeet Banerjee) के दर्शन का वामपंथ की ओर झुकाव है.
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हालांकि अब विश्व बैंक के प्रेसिडेंट ने पीएम मोदी के साथ मुलाकात की है. भारत के अर्थव्यवस्था को लेकर बातें होंगी. भारत में चल रही मंदी से कैसे निपटा जा सके, इसको लेकर बात होने की संभावना है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के अधिकारी डेविड मालपास को विश्व बैंक के 13वें अध्यक्ष के तौर पर चुना गया था. विश्व बैंक के कार्यकारी बोर्ड ने आम सहमति से उनका चयन किया था. इन बोर्ड्स में 24 कार्यकारी निदेशक होते हैं और एक अध्यक्ष होता है.