मीडिया पर आए दिन सवाल उठाए जा रहे हैं कि वो अपना काम बखुबी नहीं निभा पा रही है। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी मीडिया के वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कई सलाह दिये हैं।
उन्होंने कहा कि मीडिया को प्रतिरोध का रास्ता अख्तियार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे किसी मुद्दे पर प्रभावशाली विचारधारा को प्रबल होने की मंजूरी मिल जाती है।
मीडिया से 'कल्याणपरक पत्रकारिता' करने की बात करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि अगर प्रेस सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछने में नाकाम रहा, तो वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम होगा।
इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया द्वारा मुहैया कराई गई चुनौतियों, अवसरों तथा पारंपरिक मीडिया पर उसके प्रभाव का भी जिक्र किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है, क्योंकि यह अन्य तीनों स्तंभों-कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका को जवाबदेह और लोगों की राय को आकार प्रदान करता है।
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उन्होंने कहा, 'अगर प्रेस सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछने में नाकाम रहा तो वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम साबित होगा।'
राष्ट्रपति ने कहा, 'यह यथार्थता को सुनिश्चित करता है, जिससे लोगों को बेहतर सूचनाएं मिल सकती हैं।'
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Source : News Nation Bureau