राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आज 74वां जन्मदिन है। साल 2017 में 25 जुलाई को देश के 14वें राष्ट्रपति का पद संभालने वाले कोविंद इससे पहले बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। कोविंद ने कांग्रेस नेता और पूर्व लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार को हराकर राष्ट्रपति का चुनाव जीता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति कोविंद को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'राष्ट्रपति जी को उनके जन्मदिन की ढेरों बधाईयां। कई मुद्दों पर उनके ज्ञान और नजरिए से भारत को काफी फायदा मिला है। वह समाज के हर वर्ग से शानदार ढंग से जुड़े हैं। मैं उनके लंबी और स्वस्थ जिंदगी के लिए प्रार्थना करता हूं।'
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में 1 अक्टूबर 1945 को जन्में रामनाथ कोविंद करियर के शुरुआती दौर में वकील थे। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में लगातार 16 साल तक वकालत किया है। कोविंद ने कानपुर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ कॉमर्स और यहीं से एलएलबी की पढ़ाई की थी।
रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। कोविंद पहली बार 1994 में पहली बार राज्यसभा पहुंचे थे और 2006 तक संसद के उच्च सदन के सदस्य रहे। उनका शुरू से राजनीतिक झुकाव भारतीय जनता पार्टी की तरफ ही रहा।
कोविंद 1991 में बीजेपी में शामिल हुए थे। करीब चार साल 1998-2002 तक वे बीजेपी दलित मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके हैं।
राज्यसभा में 12 साल बतौर सांसद रहने के दौरान उन्हें गृह मंत्रालय और सामाजिक न्याय मंत्रालय की कमिटी समेत कई संसदीय कमिटियों में शामिल किया गया था।
अगस्त 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कोविंद को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया था लेकिन साल 2017 में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। एनडीए की तरफ से उम्मीदवार रहे रामनाथ कोविंद को 65.65% वोट मिला था, वहीं मीरा कुमार को 35.34% वोट मिले थे।
अपनी शांत छवि के कारण अलग पहचान बनाने वाले रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति चुने जाने के बाद कोविंद ने भावुक लफ्जों में कहा था कि मैं गरीबों का प्रतिनिधि हूं। देश की सेवा करता रहूंगा। बता दें कि कोविंद अनुसूचित जाति से आने वाले देश के दूसरे राष्ट्रपति हैं।
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उन्होंने चुनाव जीतने के बाद अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा था, 'फूस की छत से पानी टपकता था। हम सभी भाई बहन दीवार के सहारे खड़े होकर बारिश बंद होने का इंतजार करते थे। आज भी जब बारिश हो रही है तो न जाने हमारे देश में ऐसे कितने ही रामनाथ कोविंद होंगे जो बारिश में भीग रहे होंगे, खेती कर रहे होंगे और शाम को रोटी मिल जाए इसके लिए मेहनत में लगे होंगे।'
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Source : News Nation Bureau