पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan gogoi) राज्यसभा जाएंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram nath kovind) ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनित किया है. 17 नवंबर 2019 को रंजन गोगोई रिटायर चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हो गए थे. चीफ जस्टिस के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा.इस दौरान उन्होंने कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से राम जन्मभूमि, तीन तलाक जैसे ऐतिहासिक फैसले भी शामिल हैं
रंजन गोगोई 3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें चीफ जस्टिस बने. वो असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशब चंद्र गोगोई के बेटे हैं. उन्होंने 1978 में वकालत शुरु की. 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्थाई जज बने. 2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए.
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रंजन गोगोई के ऐतिहासिक फैसले
राम जन्मभूमि, तीन तलाक, असम में एनआरसी, राफेल, सीजेआई ऑफिस आरटीआई के दायरे में आएगा जैसे फैसले सुनाए.
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विवादों में भी रहे थे रंजन गोगोई
गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप भी लगा. सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने 19 अप्रैल को जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. लेकिन बाद में आरोपों से वो मुक्त हो गए.
ये लोग भी पहले राज्सभा के लिए हो चुके हैं मनोनीत
इससे पहले क़ानून के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए फली नरीमन, के परासरन और के टी एस तुलसी राज्यसभा के लिए मनोनीत हुए है.