बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. इसमें उन्होंने इसरो (ISRO) के चंद्रयान-2 मिशन (Mission Chandrayaan 2) का जिक्र किया. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक, ‘चंद्रयान-2’ के लॉन्च की तैयारी में लगे हुए हैं. चंद्रमा पर पहुंचने वाला यह भारत का पहला अंतरिक्ष यान होगा.
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वर्ष 2022 तक, भारत के अपने ‘गगन-यान’ में पहले भारतीय को स्पेस में भेजने के लक्ष्य की तरफ भी तेजी से काम चल रहा है. दुनिया आज भारत की तरफ निगाह किए हुए तरक्की को देख रही है.
अपने भाषण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मिशन शक्ति का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति’ के सफल परीक्षण से भारत की अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी की क्षमता और देश की सुरक्षा-तैयारियों में नया आयाम जुड़ा है.
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आपको बता दें कि मिशन शक्ति के माध्यम से भारत ने अंतरिक्ष में सैटेलाइट को नष्ट करने की ताकत हासिल कर ली है. भारत अमेरिका, चीन और रूस के आलावा दुनिया का चौथा देश बन गया है जो अंतरिक्ष में सैटेलाइट को नष्ट कर सकता है.
चंद्रयान-2 क्यों है खास
इसरो (ISRO) के अध्यक्ष डॉक्टर के सिवन के मुताबिक 15 जुलाई को चंद्रयान-2 करीब 2:52 बजे अपनी उड़ान भरेगा. चंद्रयान-2 चंद्रमा पर 6 या 7 सितंबर को पहुंचेगा. इससे पहले भारत ने साल 2008 में भी चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में भेजने में सफलता हासिल की थी.
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लेकिन यह मिशन सफल नहीं हो पाया था. अब 10 सालों बाद फिर से भारत चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है. जिसे लेकर पूरा विश्व भारत को देख रहा है. चंद्रयान-2 को भारत में निर्मित GSLV मार्क- रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
HIGHLIGHTS
- भारत अपने पहले गगन यान को लेकर काफी उत्साहित है
- दुनिया भारत की तरक्की देख रही है
- मिशन शक्ति ने भारत की ताकत को और बढ़ा दिया है