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भारत हम सभी का देश न कि सिर्फ सरकार का- राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का यह स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्‍या पर राष्‍ट्र के नाम दूसरा संबोधन होगा। इसका प्रसारण पहले हिन्दी और फिर अंग्रेजी में होगा । इसके बाद क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रसारण होगा।

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vineet kumar1
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भारत हम सभी का देश न कि सिर्फ सरकार का- राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द

स्वतंत्रा दिवस के मौके पर राष्ट्रपति कोविंद का देश के नाम संबोधन

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भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 72वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश दिया। बतौर राष्ट्रपति यह उनका दूसरा संदेश है। राष्ट्रपति कोविंद ने पिछले साल पहली बार राष्ट्र के नाम संबोधन दिया था, जब उन्होंने शिक्षा और प्रौद्योगिकी पर जोर दिया था। उन्होंने 'न्यू इंडिया' के साथ-साथ समाज में संवेदनशीलता को भी जरूरी बताया था।

President Ramnath Kovind Speech Live Updates:

हम अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के कार्यक्रमों और परियोजनाओं का पूरा-पूरा उपयोग करें। आइए देश के काम को अपना काम समझें — राष्ट्रपति कोविन्द

हम सब मिलकर ये सभी काम कर सकते हैं। यद्यपि इसमें सरकार की प्रमुख भूमिका होती है, परंतु एकमात्र भूमिका नहीं— राष्ट्रपति कोविन्द

यह भारत देश ‘हम सब भारत के लोगों’ का है, न कि केवल सरकार का — राष्ट्रपति कोविन्द

शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त कर लेना ही नहीं है, बल्कि सभी के जीवन को बेहतर बनाने की भावना को जगाना भी है। ऐसी भावना से ही संवेदनशीलता और बंधुता को बढ़ावा मिलता है — राष्ट्रपति कोविन्द

अपने देश के युवाओं में आदर्शवाद और उत्साह देखकर मुझे बहुत संतोष का अनुभव होता है। उनमें अपने लिए, अपने परिवार के लिए, समाज के लिए और अपने देश के लिए कुछ-न-कुछ हासिल करने की भावना दिखाई देती है — राष्ट्रपति कोविन्द

हमारी स्वाधीनता का उत्सव मनाने का इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं हो सकता — राष्ट्रपति कोविन्द

इस स्वाधीनता दिवस के अवसर पर हम सब भारतवासी अपने दिन-प्रतिदिन के आचरण में गांधीजी द्वारा सुझाए गए रास्तों पर चलने का संकल्प लें— राष्ट्रपति कोविन्द

गांधीजी ने अहिंसा का यह अमोघ अस्त्र हमें प्रदान किया है — राष्ट्रपति कोविन्द

गांधीजी का महानतम संदेश यही था कि हिंसा की अपेक्षा, अहिंसा की शक्ति कहीं अधिक है। प्रहार करने की अपेक्षा, संयम बरतना, कहीं अधिक सराहनीय है तथा हमारे समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है— राष्ट्रपति कोविन्द

चंपारन में और अन्य बहुत से स्थानों पर गांधी जी ने स्वयं स्वच्छता अभियान का नेतृत्व किया। उन्होंने साफ-सफाई को, आत्म-अनुशासन और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना — राष्ट्रपति कोविन्द

हमें गांधीजी के विचारों की गहराई को समझने का प्रयास करना होगा। उन्हें राजनीति और स्वाधीनता की सीमित परिभाषाएं मंजूर नहीं थीं — राष्ट्रपति कोविन्द

भारत के राष्ट्रपति के रूप में विश्व में हर जगह, जहां-जहां पर मैं गया, सम्पूर्ण मानवता के आदर्श के रूप में गांधीजी को सम्मान के साथ स्मरण किया जाता है। उन्हें मूर्तिमान भारत के रूप में देखा जाता है — राष्ट्रपति कोविन्द

ग्राम स्वराज अभियान का कार्य केवल सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। यह अभियान सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से चल रहा है — राष्ट्रपति कोविन्द

हमारे सामने, सामाजिक और आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे रह गए देशवासियों के जीवन-स्तर को तेजी से सुधारने का अच्छा अवसर है— राष्ट्रपति कोविन्द

गांधीजी ने, केवल हमारे स्वाधीनता संग्राम का नेतृत्व ही नहीं किया था बल्कि वह हमारे नैतिक पथ-प्रदर्शक भी थे और सदैव रहेंगे — राष्ट्रपति कोविन्द

इस बार स्वाधीनता दिवस के साथ एक खास बात जुड़ी हुई है। 2 अक्टूबर से, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के समारोह शुरू हो जाएंगे— राष्ट्रपति कोविन्द

ग्राम स्वराज अभियान के दायरे में उन 117 आकांक्षी जिलों को भी शामिल कर लिया गया है, जो आज़ादी के सात दशक बाद भी हमारी विकास यात्रा में पीछे रह गए हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

हमारे देश में बदलाव और विकास तेजी से हो रहा है और इस की सराहना भी हो रही है—राष्ट्रपति कोविन्द

आज जो निर्णय हम ले रहे हैं, जो बुनियाद हम डाल रहे हैं, जो परियोजनाएं हम शुरू कर रहे हैं, जो सामाजिक और आर्थिक पहल हम कर रहे हैं – उन्हीं से यह तय होगा कि हमारा देश कहाँ तक पहुंचा है- राष्ट्रपति कोविन्द

आज हम एक निर्णायक दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में हमें इस बात पर जोर देना है कि हम ध्यान भटकाने वाले मुद्दों में न उलझें और ना ही निरर्थक विवादों में पड़कर अपने लक्ष्यों से हटें — राष्ट्रपति कोविन्द

सबके लिए बिजली, खुले में शौच से मुक्ति, सभी बेघरों को घर और अति-निर्धनता को दूर करने के लक्ष्य अब हमारी पहुँच में हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

आज हम अपने इतिहास के एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जो अपने आप में बहुत अलग है। आज हम कई ऐसे लक्ष्यों के काफी क़रीब हैं, जिनके लिए हम वर्षों से प्रयास करते आ रहे हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

वह प्रत्येक भारतीय जो अपना काम निष्ठा व लगन से करता है - चाहे वह डॉक्टर हो, नर्स हो, शिक्षक हो, लोक सेवक हो, फैक्ट्री वर्कर हो, व्यापारी हो, बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने वाली संतान हो – ये सभी स्वाधीनता के आदर्शों का पालन करते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

हम अपने युवाओं का कौशल-विकास करते हैं, उन्हें टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग और उद्यमिता के लिए, तथा कला और शिल्प के लिए प्रेरित करते हैं। जब हम अपने युवाओं की असीम प्रतिभा को उभरने का अवसर प्रदान करते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

हमारे नौजवान भारत की आशाओं और आकांक्षाओं की बुनियाद हैं। हमारे स्वाधीनता संग्राम में युवाओं और वरिष्ठ-जनों सभी की सक्रिय भागीदारी थी। लेकिन उस संग्राम में जोश भरने का काम विशेष रूप से युवा वर्ग ने किया था — राष्ट्रपति कोविन्द

जब हम महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे उद्यमों या स्टार्ट-अप के लिए आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराते हैं, करोड़ों घरों में एल.पी.जी. कनेक्शन पहुंचाते हैं, और इस प्रकार महिलाओं का सशक्तीकरण करते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

एक राष्ट्र और समाज के रूप में हमें यह सुनिश्‍चित करना है कि महिलाओं को जीवन में आगे बढ़ने के सभी अधिकार और क्षमताएं सुलभ हों — राष्ट्रपति कोविन्द

महिलाओं की हमारे समाज में एक विशेष भूमिका है। कई मायनों में महिलाओं की आज़ादी को व्यापक बनाने में ही देश की आज़ादी की सार्थकता है — राष्ट्रपति कोविन्द

साथ ही साथ प्राकृतिक आपदाओं के समय वे हम सबको सहारा देते हैं। जब हम उनके काम-काज और व्यआक्तिमगत जीवन में सुधार लाते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

जब हम सैनिकों के लिए बेहतर हथियार उपलब्ध कराते हैं, स्वदेश में ही रक्षा उपकरणों के लिए सप्लाई-चेन विकसित करते हैं, और सैनिकों को कल्याणकारी सुविधाएं प्रदान करते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

हमारे सैनिक, सरहदों पर, बर्फीले पहाड़ों पर, चिलचिलाती धूप में, सागर और आसमान में, पूरी बहादुरी और चौकसी के साथ, देश की सुरक्षा में समर्पित रहते हैं। वे बाहरी खतरों से सुरक्षा करके हमारी स्वाधीनता सुनिश्‍चित करते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

जब हम उनके खेतों की पैदावार और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए आधुनिक टेक्नॉलॉजी और अन्य सुविधाएं उपलब्‍ध कराते हैं, तब हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों का भारत बनाते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

हमारे किसान उन करोड़ों देशवासियों के लिए अन्‍न पैदा करते हैं जिनसे वे कभी आमने-सामने मिले भी नहीं होते। वे देश के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराके हमारी आज़ादी को शक्ति प्रदान करते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द

देश का विकास करने, तथा ग़रीबी और असमानता से मुक्ति प्राप्त करने के काम हम सबको करने हैं—राष्ट्रपति कोविन्द

हम भाग्यशाली हैं कि हमें महान देशभक्तों की विरासत मिली है। उन्होंने हमें एक आज़ाद भारत सौंपा है। साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे काम भी सौंपे हैं जिन्हें हम सब मिलकर पूरा करेंगे - राष्ट्रपति कोविन्द

मेरे प्यारे देशवासियो, कल हमारी आज़ादी के 71 वर्ष पूरे हो रहे हैं। कल हम अपनी स्वाधीनता की वर्षगांठ मनाएंगे। राष्ट्र-गौरव के इस अवसर पर मैं आप सभी देशवासियों को बधाई देता हूँ — राष्ट्रपति कोविन्द

# आजादी के मौके पर 15 अगस्त का दिन प्रत्येक भारतीय के लिए पवित्र होता है। हमारा ‘तिरंगा’ हमारे देश की अस्मिता का प्रतीक है। इस दिन हम देश की संप्रभुता का उत्सव मनाते हैं और अपने उन पूर्वजों के योगदान को कृतज्ञता से याद करते हैं, जिनके प्रयासों से हमने बहुत कुछ हासिल किया है — राष्ट्रपति कोविन्द।

# रामनाथ कोविंद का 7 बजे करेंगे राष्ट्र को संबोधित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का यह स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्‍या पर राष्‍ट्र के नाम दूसरा संबोधन होगा। इसका प्रसारण पहले हिन्दी और फिर अंग्रेजी में हुआ। इसके बाद क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रसारण होगा।

राष्ट्रपति के संबोधन का सीधा प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो (AIR) और दूरदर्शन पर किया गया। दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनलों पर क्षेत्रीय भाषाओं में भी इसका प्रसारण किया गया।

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