राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि बेंगलुरू में द्विवार्षिक एयर शो वैश्विक स्तर पर रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत के लगातार मजबूत होने का जीता जागता सबूत है. कोविंद ने जोर दिया कि यह आयोजन रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने के साथ ही हमारे देश को दुनिया के लिए निर्माता के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा. राष्ट्रपति कोविंद ने यहां तीन दिवसीय एयर शो के समापन पर कहा, "एयरो इंडिया 2021 एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में देश की बढ़ती ताकत का एक प्रमाण है. भारत न केवल एक बाजार है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अवसरों का देश है."
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येलहांका वायु सेना अड्डे पर आयोजित एयरो इंडिया 2021 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इस आयोजन ने यह प्रदर्शित किया है कि देश की क्षमताओं को लेकर वैश्विक भरोसा धीरे-धीरे बढ़ रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले छह वर्षों में शुरू किए गए सुधारों से निवेशकों और निजी कंपनियों को दोनों क्षेत्रों में बड़े अवसर प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा, "आत्मनिर्भरता और निर्यात प्रोत्साहन के दोहरे उद्देश्यों के साथ रक्षा क्षेत्र में कई नीतिगत पहल की गई हैं."
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राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार देश भर में यूनिट्स को स्थापित करने के लिए निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. कोविंद ने कहा कि कई मदों के लिए औद्योगिक लाइसेंसिंग आवश्यकताओं को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा, "औद्योगिक लाइसेंस और निर्यात प्राधिकरणों की प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और ऑनलाइन किया गया है. सरकार ने रक्षा उद्योगों के लिए तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में दो रक्षा गलियारे स्थापित किए हैं और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है."
बता दें कि भारतीय सेना के लिए केंद्र संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से बनाए गए लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) को शुक्रवार को सैन्य विमानन नियामक कैमिला से प्रारंभिक परिचालन मंजूरी (आईओसी) मिल गई है. एलयूएच के सेना वेरिएंट को शहर के येलहंका एयर बेस पर 13वें द्विवार्षिक एयरो इंडिया 2021 एक्सपो के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में कैमिला से आईओसी प्राप्त हुआ.
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3-टन क्लास सिंगल-इंजन चॉपर, जो शहर स्थित डिफेंस बेहेमोथ के रोटरी विंग द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, तीनों रक्षा सेवाओं के संचालन में पुराने हो चुके चीता और चेतक के बेड़े की जगह लेगा. एचएएल के निदेशक अरूप चटर्जी ने कार्यक्रम के दौरान कहा, हम एलयूएच पर एकीकृत और उड़ान-परीक्षण (फ्लाइट टेस्टिंग) मिशन के चरण में हैं, जिनका सभी क्षेत्रों और सभी मौसमों में प्रदर्शन संतोषजनक रहा है.
फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख सफरान के टर्बो शाफ्ट इंजन (अर्दीदन 1 यू) द्वारा संचालित, एलयूएच हिमालय में उच्च ऊंचाई वाले मिशनों के लिए एक स्मार्ट कॉकपिट डिस्प्ले सिस्टम, स्वास्थ्य एवं उपयोग निगरानी प्रणाली से लैस है. बता दें कि इस हेलिकॉप्टर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसका इस्तेमाल टोह लेने, परिवहन, माल ढ़ुलाई और बचाव कार्य जैसे कामों में किया जा सकता है. इसमें ऐसी क्षमता है कि वो हिमालय की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है. यह विभिन्न इलाकों और जलवायु परिस्थितियों जैसे ठंड के मौसम, गर्म मौसम, समुद्र-स्तर और बेहद ऊंचाई वाले स्थानों पर भी कारगर है.
Source : IANS/News Nation Bureau