राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर सभी देशवासियों से महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और स्ववलंबन को लेकर अथक प्रयास करने की अपील की. कोविंद ने कहा, हम महिलाओं, विशेषकर हमारी बेटियों के लिए अधिक सक्रिय, सक्षम और सशक्त बनने का मार्ग प्रशस्त करेंगे. आइए, हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस अवसर को महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए समर्पित करें. यह संकल्प करें कि हम उनकी प्रगति में बाधा डालने वाली हर परंपरा और नीति को बदलने में उनका समर्थन करेंगे. उन्होंने इस अवसर पर सभी महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा, महिलाएं हमारे परिवार, समाज और देश के लिए एक प्रेरणा हैं.
भारत में भी महिलाओं ने जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है. जीवन के सभी क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट भूमिका के साथ उन्होंने राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. फिर भी, भारत में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए बहुत कुछ किया जाना बाकी है. महिलाओं के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. यह पहली बार 1911 में कुछ ही देशों में मनाया गया था, लेकिन 1975 के बाद दुनियाभर के देशों में मनाया जाने लगा. संयुक्त राष्ट्र ने 1977 में आधिकारिक तौर पर महिला दिवस को मान्यता दी.
दिल्ली में महिला आयोग करेगा सम्मान समारोह
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सोमवार को दिल्ली महिला आयोग सम्मान समारोह का आयोजन करेगा. इस समारोह में दिल्ली और देश के ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने महिलाओं के हितों के लिए काम किए हैं और देश का नाम रौशन किया है. दिल्ली महिला आयोग के अनुसार, इस अवसर पर रक्षा, खेल जगत, सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों एवं आम लोगों को सम्मानित किया जाएगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहेंगे.
नेशनल जियोग्राफिक पर रात 9 बजे प्रसारित होगी मूवी
नेशनल जियोग्राफिक इंडिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च को रात 9 बजे वूमेन ऑफ ऑनर सीरीज के तहत 'वूमेन ऑफ ऑनर: डेस्टिनेशन आर्मी' का प्रीमियर करेगा. नेशनल जियोग्राफिक इंडिया ऐसा ब्रांड है, जिसकी शक्तिशाली, गहन और विश्वसनीय ढंग से कहानी बयां करने की 130 से अधिक सालों की समृद्ध विरासत रही है. 44 मिनट की इस विशेष सीरीज में चेन्नई में ऑफीसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में दो महिला कैडेट्स की दिलचस्प कहानी का वृत्तांत पेश किया गया है. समाज की रुढ़िवादी परंपराओं को तोड़ने के उद्देश्य के साथ बनी इस फिल्म में यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार सशक्त महिलाएं थल सेना अधिकारी बनने के लिए मानसिक, शारीरिक और हथियार ट्रेनिंग, ड्रिल, युक्ति, मानसिक विकास और लीडरशिप ट्रेनिंग के माध्यम से खुद में बदलाव लाती हैं और आगे बढ़ती हैं.
Source : News Nation Bureau