आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गुरुवार शाम गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली शराब नीति के स्कैम के आरोप में सीएम को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद सीएम की शुक्रवार को मेडिकल जांच होगी और इसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट में सीएम की सुनवाई होगी. वहीं, आप कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इसके अलावा देशभर में विपक्षी दलों के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए हैं. इन सबके बीच लोगों के बीच ये सवाल उठ रहा है कि क्या सीएम अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देंगे? क्या केजरीवाल जेल जायेंगे या मुख्यमंत्री बने रहेंगे? तो चलिए इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं?
क्या लग जाएगा राष्ट्रपति शासन?
इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञों ने दावा किया कि कानून के मुताबिक, जब तक केजरीवाल को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, वह इस्तीफा देने के लिए तब तक बाध्य नहीं हैं. यानी वह सीएम पद पर बने रह सकते हैं. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 अयोग्यता प्रावधानों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है, लेकिन उन्हें पद से हटाने के लिए ईडी को उनका अपराध साबित करना होगा.
एलजी की भूमिका को लेकर केजरीवाल को सीएम बने रहने के लिए जेल से राहत की जरूरत होगी या फिर आर्टिकल AA के तहत एलजी के शासन से सरकार को निलंबित करने के लिए राष्ट्रपति को शामिल कर सकते हैं.
क्या जेल से सरकार चलाना है आसान?
आपको बता दें कि एलजी आर्टिकल 239AB के तहत राष्ट्रपति शासन के लिए संवैधानिक तंत्र की विफलता को उचित ठहरा सकते हैं. जिसके चलते संभावित तौर पर केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ सकता है और केंद्र सरकार को दिल्ली की कमान अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए जा सकते हैं. वहीं, अब जान लेते हैं कि क्या जेल से सरकार चलाने का विकल्फ होगा. सीएम अपने नैतिकता के अधिकार के आधार पर इस्तीफा दे सकते हैं.
साथ ही, एक मुख्यमंत्री को कुछ अनुमतियों के साथ जेल से सरकार चलाने का अधिकार दिया जाता है. हालांकि, जेल से सरकार चलाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि सरकार चलाने के लिए जेल प्रशासन की अनुमति लेनी होगी. अगर जेल प्रशासन अनुमित देता है तो सरकार चालाया जा सकता है.
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कब-कब लगता है राष्ट्रपति शासन
कानून के मुताबिक, अगर कोई सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार होता है तो उसे निलंबित करने का प्रावधान है, लेकिन यह नियम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जबकि राजनेताओं के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है. अब यह भी जान लीजिए कि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन कब लगता है.
संविधान के आर्टिकल 356 में कहा गया है कि यदि किसी राज्य में संवैधानिक मशीनरी विफल हो जाती है या किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न होता है, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है. चूंकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाता है, इसलिए कैबिनेट भंग कर दी जाती है. राज्य में सरकार चलाने की कमान राष्ट्रपति के पास चली जाती है.
Source : News Nation Bureau