पुडुचेरी (Puducherry) के निवर्तमान मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी. नारायणसामी (V Narayanasamy) ने बुधवार को केंद्रशासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की खबर पर नाराजगी जताई. पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू करना लोकतंत्र की हत्या है, उन्होंने टेलीफोन पर आईएएनएस को बताया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि नामित विधायकों का उपयोग मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने के लिए किया गया और पुडुचेरी की जनता अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को उचित जवाब देगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को उपराज्यपाल की सिफारिश के आधार पर पुडुचेरी विधानसभा को भंग करने को मंजूरी दे दी. कांग्रेस ने दक्षिण में अपनी एकमात्र सरकार खो दी क्योंकि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले कांग्रेस नीत सरकार गिर गई. इसके बाद सोमवार को मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने इस्तीफा दे दिया.
नारायणसामी और उनके विधायकों द्वारा वाकआउट के बाद स्पीकर वीपी शिवकोझुंडू ने घोषणा की थी कि सरकार अपना बहुमत खो चुकी है. बाद में, नारायणसामी ने लेफ्टिनेंट गवर्नर टी. सौंदराजन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
पुडुचेरी में बीजेपी नहीं बनाएगी सरकार, राष्ट्रपति शासन की सिफारिश
पुडुचेरी में वी नारायणसामी सरकार के गिरने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी सरकार बना सकती है. हालांकि ऐसी अटकलों को विराम देते हुए केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी गई है. विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से महज तीन महीने पहले नारायणसामी सरकार के जाने के बाद अब राष्ट्रपति शासन के दौरान ही विधानसभा चुनाव होने का रास्ता भी साफ हो गया है. राजनीतिक तौर पर कांग्रेस के लिए यह दोहरा झटका. पहला तो किरण बेदी को उपराज्यपाल पद से हटने के रूप में लगा था. दूसरी राष्ट्रपति शासन (President Rule) का है. अब कांग्रेस को अपनी सरकार का लाभ चुनाव में नहीं मिलने वाला है.
शुरुआत से ही नहीं पटी नारायणसामी और बेदी में
किरण बेदी के फैसलों के खिलाफ कई बार राजभवन के बाहर धरने पर बैठे मुख्यमंत्री नारायणसामी की एलजी से हमेशा सरकार चलाने को लेकर खींचतान चलती रही. उनका हर बार आरोप यही रहा कि एलजी एक चुनी हुई सरकार को काम करने नहीं दे रही हैं. चाहे वह हेलमेट प्रकरण हो या फिर टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट... हर बार एलजी और सीएम आमने-सामने आते रहे. आमने-सामने भी आते तो भी गनीमत रहती, बयानबाजी का स्तर भी कई बार निम्न से निम्नतम स्तर को छूता गया. यहां तक कि सीएम ने एक मौके पर उपराज्यपाल बेदी को राक्षस तक करार दे दिया. हाल-फिलहाल बेहद नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस के चार विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को दौरे पर हैं. इसके ऐन पहले किरण बेदी को हटाए जाने को भले ही कांग्रेस अपनी जीत बता रही हो, लेकिन सच्चाई तो यही है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किरण बेदी को हटाकर कांग्रेस के हाथ से एक बहुत बड़ा मुद्दा छीन लिया है.
Source : IANS