जम्मू-कश्मीर में 6 महीने के राज्यपाल शासन की समयसीमा खत्म होने के बाद बुधवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है जो बुधवार मध्यरात्रि से लागू हो जाएगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने वाले घोषणापत्र पर हस्ताक्षर कर दिया. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लिये जाने के बाद पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूट गया था जिसके बाद 19 जून को राज्य में छह महीने के लिए राज्यपाल शासन लगा दिया गया था. साथ ही राज्य विधानसभा को भी निलंबित रखा गया था ताकि राजनीतिक पार्टियां नई सरकार गठन के लिए संभावनाएं तलाश सकें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिशों पर सोमवार को निर्णय लिया था. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य की विधायी शक्तियां संसदीय प्राधिकार के तहत संचालित होगी.
चुंकि जम्मू-कश्मीर का एक अलग संविधान है इसलिए जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद-92 के तहत 6 महीने का राज्यपाल शासन अनिवार्य होता है जिसके तहत राज्य की विधायी शक्तियां राज्यपाल के पास चली जाती हैं.
पिछले महीने 21 नवंबर को पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस (एनसी) द्वारा राज्य में सरकार बनाने की कोशिशों को राज्यपाल सत्यपाल पाल मलिक ने झटका दिया था और राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था. पीडीपी ने राज्यपाल को 56 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
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वहीं 87 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समर्थित पीपल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था. सज्जाद लोन ने 18 विधायकों के समर्थन और बीजेपी के 25 विधायकों की मदद से सरकार बनाने का दावा पेश किया था और कहा था कि यह बहुमत से अधिक है.
Source : News Nation Bureau