विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि चुनाव में दलित नहीं विचारधारा की लड़ाई है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों की एकता समान विचारधारा पर आधारित है।
मीरा कुमार ने कहा, 'लोकतांत्रिक मूल्यों, पारदर्शिता, प्रेस की आजादी और गरीब का कल्याण हमारी विचारधारा के अंग हैं, इनमें मेरी गहरी आस्था है।' उन्होंने कहा, 'मैंने सभी निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिख मेरा समर्थन करने की अपील की है, उनके सामने इतिहास रचने का अवसर है।'
कांग्रेस नेता ने नीतीश कुमार के समर्थन नहीं देने पर कहा कि यह राजनीति में कभी-कभी होता है। मैं सही समय पर सही फैसला लूंगी। आपको बता दें की बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ का समर्थन कर रहे हैं।
मीरा कुमार ने कहा, मैं अपना प्रचार साबरमती आश्रम से शुरू करुंगी। उन्होंने कहा कि बहुत जगह ये चर्चा है कि दो दलित आमने-सामने हैं। हम अभी भी ये आकलन कर रहे हैं कि समाज किस तरह सोचता हैष जब उच्च जाति के लोग उम्मीदवार थे, तो उनकी जाति की चर्चा नहीं होती थी।' उन्होंने कहा कि 'जाति को गठरी में बांध के बहुत नीचे जमीन में गाड़ देना चाहिये।'
भ्रष्टाचार के आरोप पर बोलीं मीरा
लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए कथित तौर पर अपने रसूख के दम पर बंगले को स्मारक में तब्दील करने से जुड़े आरोपों मीरा कुमार ने कहा की यह बेबुनियाद आरोप है। उन्होंने कहा, 'ये आरोप बिल्कुल बेबुनियाद हैं। ये हमारी छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं।'
सुषमा स्वराज को जवाब
विदेश मंत्री और बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने पिछले दिनों मीरा कुमार का एक वीडियो जारी कर हमला किया था। जिसके जवाब में मीरा कुमार ने कहा, 'उस समय सभी ने अपने-अपने समापन भाषण दिए थे। सभी ने मेरी कार्यशैली की सराहना की थी। किसी ने भी यह आरोप नहीं लगाया था कि मेरा कार्य करने का ढंग पक्षपातपूर्ण था।'
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Source : News Nation Bureau