15 जून को विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने पर आम आदमी पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। राष्ट्रपति चुनावों को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने पहल करते हुए 15 जून को तमाम विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक के जरिए तृणमूल कांग्रेस विपक्ष को एक करने की कोशिशों में जुटी है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने बैठक में जाया जाए या नहीं इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। यही वजह है की कई विपक्षी दल अभी भी इस कवायद में लगे हैं कि आम आदमी पार्टी इस बैठक में शामिल हो जाए ।दरअसल पिछले कुछ समय में आम आदमी पार्टी का पंजाब चुनाव में जीत के बाद से जनाधार बढ़ता हुआ दिख रहा है यही वजह की इस बार मुख्य विपक्षी दल जो हमेशा आम आदमी पार्टी से उखड़ा सा रहता था उसको भी आप के इस बैठक में शामिल होने पर कोई आपत्ति नहीं है। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी सबसे पहले विपक्ष को किसी एक नाम पर सहमति बनाने देना चाहती है ताकि फिर ये फैसला लिया जा सके की उक्त नाम को समर्थन दिया जा सकता है या नहीं। यही वजह है की पार्टी के तमाम बड़े नेताओ को लगता है की इस बैठक में शामिल नहीं होना चाहिए ,हालाकि पार्टी नेताओं ने अंतिम फैसला अब पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर ही छोड़ा है।
शरद पवार के नाम को लेकर अटकलें तेज
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है सियासी घरानों में महाराष्ट्र के कद्दावर नेता शरद पवार को राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा चल रही है सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उनसे मुलाकात भी की थी वही शरद पवार को शिवसेना की भी पहली पसंद बताया जा रहा है. वही इस मसले पर शरद पवार खुद को इस दौड़ से बाहर बता चुके हैं।
18 जुलाई को होना है देश के 16वें राष्ट्रपति का चुनाव
चुनाव आयोग ने देश के 16वें राष्ट्रपति के लिए चुनाव का ऐलान कर दिया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15 जून को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष के मुख्यमंत्रियों और नेताओं के साथ एक संयुक्त बैठक में भाग लेंगी. ममता बैनर्जी द्वारा बुलाई गई संयुक्त बैठक के लिए 22 नेताओं को पत्र लिखा गया है. इनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव शामिल हैं.
इनके अलावा सीपीआई जनरल सेक्रेटरी डी राजा, सीपीआईएम जनरल सेक्रेटरी सितारम येचुरी, समाजवादी पार्टी के मुख्या अखिलेश यादव, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारुख अब्दुलाह, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मु़फ्ती, शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट अध्यक्ष पवन चामलिंग और आईयूएमएल अध्यक्ष के एम कादिर मोहिद्दीन शामिल हैं. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर ममता बनर्जी और द्रमुक, भाकपा, माकपा तथा आदमी पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा की थी.
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है और मतगणना 21 जुलाई को होगी. राज्य मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मिशन का उद्देश्य मूल रूप से कुछ नामों पर विचार करना है जिन्हें सर्वसम्मति से विपक्षी उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'इस बात पर चर्चा हो सकती है कि क्या भाजपा द्वारा अपने उम्मीदवार की घोषणा करने से पहले विपक्षी दलों द्वारा अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने की संभावना है.' राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करने की तारीख 15 जून से शुरू हो रही है, और इसकी अंतिम तिथि 29 जून है.
Source : Mohit Bakshi