महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और एनसीपी विधायक छगन भुजबल को जेल से बाहर निकाला जाएगा। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उन्हें जेल से बाहर निकाला जा रहा है।
कोर्ट ने सरकारी वकील के विरोध के बावजूद भुजबल की अर्जी को मंजूर कर ली। बता दें कि भुजबल पिछले डेढ़ साल से आर्थिक घोटाले के आरोप में मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले डेढ़ साल में भुजबल ने कई बार जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन हर बार उनकी जमानत अर्जी नामंजूर कर दी गई।
भुजबल ने पिछले शुक्रवार को कोर्ट में अर्जी देकर गुहार लगाई थी की विधायक होने के नाते राष्ट्रपति चुनाव में वोट देना उनका अधिकार है, और उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।
जिसके बाद कोर्ट ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली और भुजबल को अपने मताधिकार प्रयोग करने की इजाजत दे दी। वहीं प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सरकारी वकील ने भुजबल की अर्जी का जोरदार विरोध किया।
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भुजवाल की अर्जी पर सरकारी वकील ने कहा कि पीएमएलए कानून की धारा 44 के मुताबिक संविधान की जिस धारा के तहत कोर्ट ने यह आदेश दिया है, वह अधिकार विशेष कोर्ट को नहीं है।
सरकारी वकील ने दूसरा तर्क यह दिया कि पीएमएलए कोर्ट किसी कैदी को विशेष सुविधा देने का आदेश नहीं दे सकता। यह आदेश हाई कोर्ट ही रिट याचिका के आधार पर ही दिया जा सकता है।
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Source : News Nation Bureau