आज यानी 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए कई मुद्दों पर बात की. कोरोना संकट से लेकर भारत-चीन विवाद तक हर मुद्दे पर चर्चा की. अपने संबोधन के आखिर में उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव को भी श्रद्धांजलि दी. दरअसल आज पीवी नरसिंहा राव का जन्मदिन है. ऐसे में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज 28 जून को भारत अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया. हमारे, ये, पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी. वी नरसिम्हा राव जी की आज जन्म-शताब्दी वर्ष की शुरुआत का दिन है.
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पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नरसिम्हा राव जी अपनी किशोरावस्था में ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे. छोटी उम्र से ही नरसिम्हा राव अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज उठाने में आगे थे. अपनी आवाज बुलंद करने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ते थे पीएम मोदी ने कहा, वे, एक ओर भारतीय मूल्यों में रचे-बसे थे, तो दूसरी ओर, उन्हें पाश्चात्य साहित्य और विज्ञान का भी ज्ञान था. वे, भारत के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे.
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पीएम मोदी ने पीवी नरसिम्हा राव को श्रद्धाजंलि देते हुए इशारों की इशारों में कांग्रेस पर निशाना भी साधा है. दरअसल नरसिंह राव और सोनिया गांधी के संबंधों में खटास थी. गांधी-नेहरू की नीतियों के उलटकई काम किए थे . यह बात कांग्रेस के कई दिग्गजों समेत गांधी परिवार खासकर सोनिया को नहीं आती थी. संभवतः यही वजह थी कि उनके मृत शरीर को भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के दर्शनार्थ कांग्रेस मुख्यालय में रखने की इजाजत नहीं दी थी सोनिया ने. इस तरह पीएम मोदी ने कांग्रेस के अंदर एक ही परिवार के वर्चस्व और गांधी परिवार के एकछत्र राज्य को अपरोछ रूप से लोगों को याद दिलाया.