12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र की अध्यक्षता में एक अहम बैठक शुरू हो गई है. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद हैं. इनके अलावा शिक्षा मंत्रालय के दोनों सचिव (स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा) और सीबीएसई के चेयरमैन भी बैठक में शामिल हैं. दरअसल, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच परीक्षाएं कराने और सितंबर में परिणाम घोषित करने का प्रस्ताव रखा है. बोर्ड ने दो विकल्प भी प्रस्तावित किये हैं. इनमें एक में 19 प्रमुख विषयों के लिए अधिसूचित केंद्रों पर नियमित परीक्षाएं कराना या छात्रों के अध्ययन वाले स्कूलों में ही अल्पावधि की परीक्षाएं कराने के विकल्प हैं.
यह भी पढ़ेंः NCPCR ने सुप्रीम कोर्ट में दिया डाटा, कोरोना काल में अनाथ हुए 1742 बच्चे
इससे पहले केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों का पक्ष जानने के लिए उनके साथ एक विशेष बैठक की थी. 23 मई को हुई इस चर्चा की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी. बैठक में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हुए.
शिक्षा मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों से इस विषय में 25 मई तक अपने सुझाव देने को कहा था. कई राज्यों ने डेढ़ घंटे की परीक्षा और 19 मुख्य विषयों के ही एग्जाम लेने की बात कही है. राज्यों के परामर्श के बाद सीबीएसई 12वीं के लिए केवल प्रमुख विषयों की परीक्षा कराने को राजी हो सकती है. सीबीएसई 12वीं बोर्ड के लिए कुल 174 विषय की परीक्षा होती है.
12वीं की परीक्षा पर पुनर्विचार करें : प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिखकर कोविड महामारी के कारण सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अभी तक बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर अंतिम फैसला नहीं लिया है. केंद्र जल्द ही इस मामले पर अंतिम फैसला ले सकता है. प्रियंका गांधी ने कहा कि बारहवीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के मुद्दे पर छात्रों और अभिभावकों से फीडबैक लेने के बाद तीन पन्नों का पत्र लिखा गया है.
Source : News Nation Bureau