प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेगा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के एक दिन बाद बुधवार को एक और महत्वपूर्ण कार्य में व्यस्त हैं. मोदी लॉकडाउन 4.0 से पहले नियमों, तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए कोविड-19 पर सचिवों के एक उच्चस्तरीय समूह की बैठक कर रहे हैं, जो (लॉकडाउन 4.0) 18 मई से शुरू होगा. मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि लॉकडाउन 4.0 के लिए पूरी तरह से नए मानदंड स्थापित किए जाएंगे.
उन्होंने कहा था कि 18 मई से पहले मानदंडों को सार्वजनिक कर दिया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि सरकार मुख्य रूप से उद्योगों खासकर छोटे और मध्यम उद्योगों को फिर से शुरू करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चौथे चरण के लिए अधिकार प्राप्त समिति जल्द ही नए नियमों के सेट को फिर से परिभाषित करेगी. नए मानदंडों को जारी करने से पहले विभिन्न मुख्यमंत्रियों के इनपुट, सुझावों पर भी विचार किया जाएगा.
मोदी सरकार ने कोविड-19 महामारी के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 11 अधिकार प्राप्त समूह बनाए हैं. इन समूहों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत स्थापित किया गया है. अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक समूह के पास पीएमओ और कैबिनेट सचिवालय के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि हैं जो सहज समन्वय सुनिश्चित करते हैं. समूहों को योजना तैयार करने और उनके समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए सभी कदम उठाने का अधिकार दिया गया है.
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इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्तमंत्री निर्मलासीतारण और राज्य वित्तमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम मोदी द्वारा दिया गया 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देश के विकास के लिए और मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए किन-किन मदों में लगाने की योजना है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि देश में आए कोरोना संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी का यह पैकेज देश के किन वर्गों को कितना लाभ पहुंचाएगा.
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इसके पहले देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मोदी सरकार ने एक के बाद एक करके लगातार तीन लॉकडाउन लगाए. इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था को करारा झटका लगा. कोरोना संकट की वजह से देश में आई आर्थिक मंदी से बचने के लिए पीएम मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने साफ कहा है कि 20 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज के जरिए गरीबों और कारोबारियों की मदद की जाएगी.