प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के सिल्वर जुबली कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्व युद्ध के बाद आज सबसे बड़ा संकट आया है जिसमें दुनिया पूरी तरह बदल गई है. पीएम मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य के मामले में भारत ने पिछले 6 साल में बड़े फैसले लिए हैं. हम चार पिलर पर काम कर रहे हैं. आयुष्मान भारत योजना से एख करोड़ लोगों को लाभ हुआ है. वैश्विक स्तर पर मेडकल सुविधा शुरू हो, हर जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो, यही हमारा लक्ष्य है.
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पीएम मोदी ने आगे कहा, COVID-19 के खिलाफ भारत की बहादुरी की लड़ाई में हेल्थ वर्कर और हमारे कोरोना योद्धाओं की कड़ी मेहनत है. वास्तव में, डॉक्टर और हेल्थ वर्कर सैनिकों की तरह हैं, लेकिन सैनिकों की वर्दी के बिना. पीएम मोदी ने कहा कि वायरस एक अदृश्य दुश्मन हो सकता है, लेकिन हमारे योद्धा, चिकित्सा कार्यकर्ता अजेय हैं. अदृश्य बनाम अजेय की लड़ाई में, हमारे चिकित्सा कार्यकर्ता जीत सुनिश्चित हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि देश ने 22 और एम्स स्थापित करने में तेजी से प्रगति देखी है. पिछले पांच वर्षों में, हम एमबीबीएस में 30,000 से अधिक सीटें और पोस्ट-ग्रेजुएशन में 15,000 सीटें जोड़ पाए हैं.
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उन्होंने कहा, हमारे जैसे राष्ट्र के पास उचित चिकित्सा ढांचा और चिकित्सा शिक्षा का बुनियादी ढांचा होना चाहिए. देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज या स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान सुनिश्चित करने के लिए काम चल रहा है