नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से रूबरू होंगे. आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी मध्य प्रदेश के किसानों को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में दिखाया जाएगा. इस दौरान नरेंद्र मोदी नए कानूनों के फायदे बताने के साथ साथ विरोध कर रहे किसानों को समझाने की कोशिश करेंगे.
यह भी पढ़ें: LIVE: आगे की रणनीति तय करने के लिए आज वरिष्ठ वकीलों से मिलेंगे किसान नेता
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों के नाम लिखे गए पत्र को उनके 'विनम्र संवाद का प्रयास' बताया और किसानों से उसे पढ़ने का आग्रह किया. मोदी ने ट्वीट किया, 'कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है. सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें. देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.'
कृषि मंत्री @nstomar जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं। https://t.co/9B4d5pyUF1
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2020
नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने पत्र में कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि नए कृषि कानूनों का लक्ष्य छोटे एवं सीमांत किसानों को फायदा पहुंचाना है. तोमर ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर तीन नए कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए आंदोलनरत किसानों से इस 'सफेद झूठ' से बचने की सलाह दी और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनकी सभी चिंताओं को दूर करने को तैयार है. बता दें कि तोमर, केंद्रीय मंत्रियों--पीयूष गोयल और सोम प्रकाश--के साथ करीब 40 किसान संघों के साथ वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: सिंघु बॉर्डर पर बोले किसान, आंदोलन पकड़ रहा है तेजी
उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए किसानों का प्रदर्शन आज 23वें दिन में प्रवेश कर गया है. कड़ाके की ठंड और ऊपर से खुला आसमान, बावजूद इसके हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर किसान डेरा डाले हुए हैं. किसानों का आंदोलन कभी शांत तो कभी उग्र रूप लेते हुए आगे बढ़ रहा है. किसानों को विपक्षी दलों के अलावा बड़ी-बड़ी खेल और फिल्मी हस्तियों, सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला है. हालांकि केंद्र की मोदी सरकार की ओर से किसानों के मसले की सुलझाने की कोशिश की जा रही है.
सरकार किसानों की अधिकतर मांगों को मानने के लिए तैयार हैं, हालांकि कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. मगर किसान कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. ऐसे में किसानों को समझाने और कानूनों के लाभ गिनाने के लिए बीजेपी के नेता और मंत्री उनके बीच पहुंच रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी ने तीनों कानूनों को मजबूती से डिफेंस करने की रणनीति बनाई है. इन कानूनों को लेकर बीजेपी किसानों का समर्थन जुटाएगी.