पीएम मोदी ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले में बाल-बाल बचे इजराइल के बेबी मोशे होलट्जबर्ग के नाम एक चिट्ठी लिखी है. मोशे आज यानी सोमवार को 13 साल का हो गया है. उसका आज बार मित्सवाह धूमधाम से मनाया जा रहा है. पीएम मोदी ने चिट्ठी में लिखा कि आपकी कहानी हर किसो को प्रेरित करती रहती है. यह चमत्कारों में से एक है. आशा करता हूं कि आने वाले त्रासदी से बचा जा सके और भारी क्षति पर काबू पाया जाए. बता दें कि आतंकियों ने मोशे के सामने उसके माता-पिता को गोली मारी थी. जब वह सिर्फ दो साल का था.
Prime Minister Narendra Modi wrote to 26/11 Mumbai terrorist attack survivor, Moshe Holtzberg, on his bar mitzvah today. Letter states, "Your story continues to inspire everyone. It is one of miracle and hope overcoming tragedy & immeasurable loss". (file pic) pic.twitter.com/kIn6zHrwNH
— ANI (@ANI) December 2, 2019
इसके साथ ही पीएम मोदी ने चिट्टी में लिखा कि आप इस महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं और अपने जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर रहे हैं. नानी सैंड्रा सैमुअल के साहस और भारत के लोगों की प्रार्थना आपको स्वस्थ और सफल जीवन के लिए आशीर्वाद देती रहेगी. आतंकी हमले का जिक्र करते हुए मोदी ने लिखा कि आज भारत और इज़रायल आतंकवाद और घृणा के खिलाफ और भी अधिक दृढ़ हैं. बता दें कि पीएम मोदी का यह संदेश इजरायल में भारतीय राजदूत संजीव सिंगला ने पढ़ा.
क्या है बार मित्सवाह
बार मित्सवाह यहूदी लड़कों के लिए उम्र की रस्म है. जो लड़कों के लिए आयु अनुष्ठान से आता है. बैट मित्सवाह लड़कियों के लिए उम्र की रस्म में आता है. यहूदी कानून के अनुसार, जब एक यहूदी लड़का 13 साल का होता है, तो वह अपने कार्यों के लिए जवाबदेह हो जाता है और बार मित्सवाह बन जाता है. इस हमले को 11 साल हो गए हैं. बेबी मोशे उस वक्त महज 2 साल का था. 11 साल बाद अब वह 13 साल का हो गया है. उसका आज बार मित्सवाह मनाया जा रहा है.
PM Modi's letter to 26/11 Mumbai terrorist attack survivor, Moshe: As you make this important transition&cross a significant landmark in journey of your life, the courage of Sandra&prayers of the people of India will continue to bless you for a long, healthy and successful life. https://t.co/VbpZKRK0Yn pic.twitter.com/rBLJjxhWAS
— ANI (@ANI) December 2, 2019
क्या हुआ था उस रात
बेबी मोशे और उसके इस्राइली माता-पिता मुंबई के नरीमन हाउस (अब चबाड हाउस) में रहते थे. सैंड्रा सैमुअल मोशे की आया के तौर पर काम करती थीं. 2008 में 26 नवंबर को मुंबई पर लश्कर तैयबा के हमले में नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया गया. सैंड्रा सैमुअल ने उस रात की सारी घटना एक इंटरव्यू में बताई थी. उन्होंने कहा कि उनके अपने दो बेटों से मिलने वह हर बुधवार को जाती थीं लेकिन उस रात वह नहीं गई थीं.
हमले में मोशे ने अपने माता-पिता को खो दिया
मुंबई में हुए आतंकवादी हमले 26/11 में बेबी मोशे ने अपने माता-पिता को खो दिया था. उस समय वो सिर्फ़ 2 साल का था. बेबी मोशे अपने माता-पिता के साथ नरीमन हाउस में रूका था. 2008 में हुए इस हमले में उसकी मां और पिता समेत छह अन्य इस्राइली नागरिकों की मौत हो गई थी.
सैंड्रा सैमुअल ने बचाई थी मोशे की जान
सैंड्रा सैमुअल का कहना था कि भगवान ने उन्हें उस रात वहां ठहरने को मजबूर किया, क्योंकि उसे पता था कि क्या होने वाला है. सैंड्रा ने बताया कि जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी तो, उन्होंने नीचे का फोन उठाया, ऊपर से ढेर सारी आवाजें आ रही थीं. उन्होंने फोन का तार निकाल दिया और लॉन्ड्री रूम में जाकर छिप गईं.