आज यानी 19 जून को आचार्य महाप्रज्ञ का जन्म शताब्दी है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और कहा कि वह भी आचार्य महाप्रज्ञ के प्रशंसक थे.उन्होंने कहा, हमारे अटल जी, जो स्वयं साहित्य के पारखी थे, अक्सर कहा करते थे, 'मैं आचार्य महाप्रज्ञ के साहित्य, उनके साहित्य की गहराई, उनके शब्दों और उनके ज्ञान का प्रशंसक हूँ'. ये हम सभी का सौभाग्य है कि संत प्रवर आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी की जन्म शताब्दी के पवित्र अवसर पर हम सब एक साथ जुड़े हैं. उनकी कृपा, उनके आशीर्वाद को, आप, मैं, हम सभी अनुभव कर रहे हैं.
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पीएम मोदी ने कहा, आप में से अनेक जन ऐसे हैं, जिन्हें आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के सत्संग और साक्षात्कार, दोनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. उस समय आपने उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव जरूर किया होगा. आचार्य महाप्रज्ञ जी कहते भी थे, ‘मैं और मेरा छोड़ो तो सब तुम्हारा ही होगा’. उनका ये मंत्र, उनका ये दर्शन उनके जीवन में स्पष्ट दिखाई भी देता था. पीएम मोदी ने कहा, दुनिया में जीवन जीने का दर्शन तो आसानी से मिल जाता है, लेकिन इस तरह का जीवन जीने वाला आसानी से नहीं मिलता. जीवन को इस स्थिति तक ले जाने के लिए तपना पड़ता है, समाज और सेवा के लिए खपना पड़ता है.
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उन्होंने कहा, हमारे लिए ये भी एक अवसर होगा कि हम सब ‘सुखी परिवार और समृद्ध राष्ट्र’ के महाप्रज्ञ जी के स्वप्न को साकार करने में अपना योगदान दें, उनके विचारों को समाज तक पहुंचाएं. प्रधानमंत्री ने कहा, आचार्य महाप्रज्ञ जी ने हम सबको एक और मंत्र दिया था. उनका ये मंत्र था- ‘स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ समाज, स्वस्थ अर्थव्यवस्था. आज की परिस्थिति में उनका ये मंत्र हम सबके लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, मुझे विश्वास है, जिस समाज और राष्ट्र का आदर्श हमारे ऋषियों, संत आत्माओं ने हमारे सामने रखा है, हमारा देश जल्द ही उस संकल्प को सिद्ध करेगा. आप सब उस सपने को साकार करेंगे