1962 की तरह खुद को अलग-थलग न समझें सेना, पीएम मोदी ने अपने दौरे से दिया संदेश

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के एक बात तो साफ तौर पर जता दी सेना 1962 की तरह से खुद को राजनीतिक नेतृत्व से अलग-थलग न समझे

author-image
Aditi Sharma
New Update
PM Modi

पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

एक तरफ जहां बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है तो वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह लेह पहुंच कर सबको चौंका दिया. पीएम मोदी अचानक लेह के दौरे पर पहुंचे और जमीनी हकीकत का जायजा लिया. इस दौरान सीडीएस बिपिन रानत भी उनके साथ मौजूद रहे. इस दौरान सेना और वायुसेना के अधिकारियों ने पीएम मोदी को मौजूदा हालातों के बारे में बताया. इस दौरे के दौरान पीएम मोदी ने जवानों को भी संबोधित किया और इशारों-इशारों में समझा दिया कि जवान खुद अकेला न समझे क्योंकि इस बार हलाता 1962 की तरह नहीं होंगे.

क्या हैं पीएम मोदी के संबोधन के मायने?

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के एक बात तो साफ तौर पर जता दी सेना 1962 की तरह से खुद को राजनीतिक नेतृत्व से अलग-थलग न समझे. दरअसल 1962 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के चीन पर भरोसा करने का ही नतीजा था कि चीन ने भारत के साथ विश्वासघात किया और भारत को हार झेलनी पड़ी. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जवाहर लाल नेहरु ने भी खुद अपनी इस गलती को माना था और कहा था कि ,'हम आधुनिक दुनिया की सच्चाई से दूर हो गए थे और हम एक बनावटी माहौल में रह रहे थे जिसे हमने ही तैयार किया था. इस तरह उन्होंने इस बात को लगभग स्वीकार कर लिया कि उनसे गलती हो गई कि उन्होंने ये भरोसा कर लिया चीन सीमा पर झड़पों, गश्ती दल के स्तर पर मुठभेड़ और बहस से ज्यादा कुछ और नहीं करेगा. इसी भरोसे के चलते उन्होंने यहां तक कह दिया था कि सीमा पर सेना को तैनात करने की क्या जरूरत है जबकि पुलिस बूथ से ही काम चल सकता है. हालांकि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ये साफ कर दिया कि वो अपने दुश्मनों पर अब कभी भरोसा नहीं करेंगे और न ही सेना खुद को राजनीतिक नेतृत्व से अलग-अलग न समझें.

संबोधन में पीएम मोदी ने सेना के लिए कहीं ये बड़ी बाते

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख दौरे पर सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों के पराक्रम की गाथाएं घर-घर गाई जा रही हैं. उनका पराक्रम बेकार नहीं जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि गलवान के वीरों का शौर्य पूरी दुनिया ने देखा है. बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं लेकिन सुदर्शनधारी कृष्ण को भी मानते हैं. भारत शांति और मित्रता निभाने वाला देश हैं लेकिन अपने दुश्मन को जवाब देना भी जानते हैं.

प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत तेजी से अपने सेैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूर कर रहा है. इसकी पीछे सिर्फ शांति और मानवता का ध्येय हैं. विश्व युद्ध और शांति में भारत का पराक्रम दुनिया ने देखा है. उन्होंने कहा कि दो माताओं का अभिनंदन करता हूं. पहला भारत माता और दूसरी वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे वीर सैनिकों को जन्म दिया

पीएम मोदी ने कहा, आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है. आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है.
जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता.

पीएम मोदी ने कहा, जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है.

Source : News Nation Bureau

PM Narendra Modi PM modi china army Leh
Advertisment
Advertisment
Advertisment