पूर्व कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रधान सलाहकार, पी.के. सिन्हा (Principal Advisor in PMO P.K. Sinha) ने निजी कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश कैडर के सेवानिवृत्त 1977-बैच के आईएएस अधिकारी ने सोमवार शाम को अपने पद से इस्तीफा दिया. कैबिनेट सचिव के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद सिन्हा को आम चुनाव के बाद सितंबर 2019 में पीएमओ में नियुक्त किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के पद से मुक्त होने के अनुरोध को स्वीकार करने के बाद 30 अगस्त, 2019 को पी.के. सिन्हा को पीएमओ में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) नियुक्त किया गया था.
प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बाद, सिन्हा पीएमओ से इस्तीफा देने वाले दूसरे हाई-प्रोफाइल नौकरशाह हैं. नृपेंद्र मिश्रा ने अगस्त 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ये जगह खाली हुई थी. पी.के. सिन्हा ने 13 जून, 2015 से 30 अगस्त, 2019 तक कैबिनेट सचिव के रूप में कार्यभार संभाला. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने 11 सितंबर, 2019 से प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार के पद के लिए सिन्हा की नियुक्ति को मंजूरी दी थी.
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आपको बता दें कि पीके सिन्हा की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ समाप्त होने वाली थी, या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो. इसके पहले पीके सिन्हा केंद्र में वरिष्ठ पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने ऊर्जा मंत्रालय और शिपिंग मंत्रालय में सचिव और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में विशेष सचिव के रूप में सेवाएं दी हैं. इसके अलावा पीके सिन्हा ने उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं.
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सिन्हा ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया, और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पोस्ट-ग्रेजुएशन किया. उन्होंने लोक प्रशासन में डिप्लोमा और सामाजिक विज्ञान में एम.फिल भी प्राप्त किया. ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और वित्तीय मामलों में सिन्हा विशेषज्ञ माने जाते हैं.
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HIGHLIGHTS
- निजी कारणों से पीके सिन्हा ने दिया इस्तीफा
- पीएमओ के प्रधान सलाहकार थे पीके सिन्हा
- इसके पहले भी केंद्र और राज्य में दी थी सेवाएं