कोरोना वायरस के टीकाकरण अभियान को लेकर केंद्र सरकार ने इसमें कुछ अहम बदलाव किए हैं. अब 1 जुलाई से प्राइवेट अस्पताल अब सीधे वैक्सीन निर्माता से टीके नहीं खरीद सकेंगे. उन्हें अब कोविन पर वैक्सीन का ऑर्डर देना होगा. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने वैक्सीन की मंथली स्टॉक की लिमिट भी तय करने का फैसला लिया है. हर अस्पताल एक महीने में अधिकतम कितनी डोज का स्टॉक खरीद सकता है, इसका भी फॉर्म्युला केंद्र सरकार ने निकाला है. निजी अस्पतालों को वैक्सीन के लिए रोजाना का औसत निकालने के लिए अपनी पसंद का हफ्ता चुनने की छूट होगी.
कैसे तय होगी वैक्सीन की संख्या
अस्पतालों के लिए जो अभी टीकाकरण अभियान में शामिल होने की योजना बना रहे हैं और जिनका पहले से वैक्सीन की खपत का रिकॉर्ड नहीं है, उनके लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या के आधार पर वैक्सीन की अधिकतम सीमा तय की जाएगी. 50 बिस्तरों वाला एक अस्पताल अधिकतम 3,000 खुराक का आदेश दे सकता है, जबकि 50-300 बिस्तरों वाला अस्पताल 6,000 खुराक तक और 300 बिस्तरों वाला अस्पताल 10,000 खुराक तक का आदेश दे सकता है. एसओपी दस्तावेज में कहा गया है कि निजी टीकाकरण केंद्र एक महीने में चार किस्तों में वैक्सीन का ऑर्डर दे सकते हैं.
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दस्तावेज में कहा गया है कि वैक्सीन खरीद के लिए किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा अप्रूवल की कोई आवश्यकता नहीं होगी. कोविन पर खरीद आदेश को सफलतापूर्वक प्रस्तुत करना ही पर्याप्त होगा. एक बार डिमांड प्रस्तुत करने के बाद निर्माताओं को देने से पहले जिले और राज्य-वार संख्याओं को कोविन एकत्रित करेगा. निजी केंद्रों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण पोर्टल पर वैक्सीन के लिए भुगतान करना होगा. बता दें कि इससे पहले नियम यह था कि 25 फीसदी वैक्सीन प्राइवेट अस्पताल सीधे निर्माताओं से खरीद सकते थे और 75 फीसदी केंद्र अपने हिस्से में रखता था.
HIGHLIGHTS
- CoWin पर अस्पताल कर सकेंगे वैक्सीन के लिए ऑर्डर
- 1 जुलाई से प्रभावी होंगे निजी अस्पताल के लिए नए नियम
- हर अस्पताल का मंथली कोटा तय होगा, केंद्र ने निकाला फॉर्म्युला