कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra) ने बुधवार को सरकार से देश में टीकों की कमी को लेकर पूछा कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है. उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर सरकार से तीन खास सवाल पूछे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी (PM Modi) कह रहे हैं कि वे टीकाकरण की योजना (Vaccination Scheme) के साथ तैयार हैं, तो सरकार ने 1.60 करोड़ टीकों का ही ऑर्डर क्यों दिया और सरकार ने टीकों का निर्यात क्यों किया और जब भारत वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता है, तो उसे आयात क्यों करना पड़ा. उन्होंने कहा कि ये वो सवाल हैं जो भारत के लोग सरकार से पूछ रहे हैं.
उन्होंने कहा, पिछले साल प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत टीकाकरण योजना के साथ तैयार है. शुरूआत में, टीके की पहले की सफलता ने यह धारणा बनाई कि यह अच्छे तरीके से किया जाएगा. जैसा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1948 में चेन्नई में वैक्सीन इकाई की स्थापना की और देश में टीकाकरण कार्यक्रम का मार्ग प्रशस्त किया. भारत पोलियो के खिलाफ टीकाकरण और चेचक में सफल रहा है.
वैक्सीन संकट
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 26, 2021
➢ मोदीजी के बयान के अनुसार उनकी सरकार पिछले साल ही वैक्सीनेशन के पूरे प्लान के साथ तैयार थी, तब जनवरी 2021 में मात्र 1 करोड़ 60 लाख वैक्सीनों का आर्डर क्यों दिया गया?
➢ मोदीजी की सरकार ने भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर, ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी? pic.twitter.com/SaYyPvOUlj
लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि जिस चीज की उम्मीद थी, एक सुचारु कार्यक्रम प्रधानमंत्री के लिए प्रचार का साधन बन गया और सबसे बड़ा निर्माता होने के बाद, भारत 130 करोड़ की आबादी के लिए एक आयातक बन गया है. केवल 11 प्रतिशत को पहली खुराक और 3 प्रतिशत दोनों खुराक मिली है. जब सभी देश टीकों के ऑर्डर दे रहे थे, पीएम ने हमारे लिए जगह नहीं बनाई और यहां तक कि 6.5 करोड़ टीकों का निर्यात भी किया.
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प्रियंका गांधी ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वह महामारी के मुद्दे पर 'जिम्मेदार कौन' सीरीज शुरू करेगी. उन्होंने लोगों से फीडबैक और सुझाव मांगे हैं. अपने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा था कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान, जब देश तबाह हो गया और लोग दवाओं, बिस्तरों और ऑक्सीजन के लिए संघर्ष कर रहे थे, सरकार मूक मोड में थी. आपको बता दें कि इसके पहले प्रियंका गांधी ने दसवीं और बारहवीं की बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर भी चिंता व्यक्त की थी.
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शिक्षा मंत्रालय द्वारा बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित किए जाने की बात पर विचार-विमर्श शुरू किए जाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने परीक्षाएं आयोजित किए जाने की तैयारी पर प्रियंका ने कहा था कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और सुरक्षा मायने रखती है. उन्होंने आगे कहा कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है, जितना की शारीरिक देखभाल. यह एक ऐसा वक्त है, जब हमारी शिक्षा प्रणाली ने बच्चों की बेहतरी के लिए संवेदनशीलता का रुख अपनाया है और इन मुद्दों को गंभीरता से लेना शुरू किया है.
HIGHLIGHTS
- प्रियंका गांधी ने वैक्सीनेश की कमी पर उठाए सवाल
- फेसबुक पर पीएम से पूछे वैक्सीनेशन की कमी पर सवाल
- पंडित नेहरू के वैक्सीनेशन इकाई स्थापना को लेकर मोदी सरकार पर निशाना