कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को चंद्रयान -2 मिशन पर असाधारण काम के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की पूरी टीम पर गर्व जताया है. प्रियंका गांधी ने कहा कि असफलता यात्रा का एक हिस्सा है और उन असफलताओं के बिना कोई सफलता नहीं है. उन्होंने कहा कि पूरा देश आपके (इसरो वैज्ञानिक) साथ खड़ा है और आप पर विश्वास करता है.
Proud of each and everyone on the #ISRO team. Setbacks are a part of the journey; without them, there is no success. The whole nation stands with you and believes in you.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 7, 2019
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चंद्रयान -2 मिशन पर असाधारण काम के लिए इसरो की सराहना की. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों का जुनून और समर्पण हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है और उनका काम व्यर्थ नहीं हुआ है, बल्कि इसने कई पथ-प्रदर्शक भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है. बहुप्रतीक्षित लैंडर विक्रम के चंद्रमा से उतरने से पहले संपर्क खो देने के कुछ घंटों बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर यह कहा.
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राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'इसरो टीम को चंद्रयान 2 मिशन पर उनके असाधारण काम के लिए बधाई. आपका जुनून और समर्पण हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है. आपका काम व्यर्थ नहीं हुआ है. इसने कई पथ-प्रदर्शक और महत्वाकांक्षी भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की नींव रखी है.'
Congratulations to the team at #ISRO for their incredible work on the Chandrayaan 2 Moon Mission. Your passion & dedication is an inspiration to every Indian. Your work is not in vain. It has laid the foundation for many more path breaking & ambitious Indian space missions. 🇮🇳
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 6, 2019
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष की नई सीमाओं को पार कर लिया है और देश के सभी नागरिकों को गौरवान्वित किया है. उन्होंने लिखा, 'चंद्रयान-2 मिशन इस बात का प्रमाण है कि इसरो के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की नई सीमाओं को पार कर लिया है और हर भारतीय को गौरवान्वित किया है.' सुरजेवाला ने आगे ट्वीट किया, 'हम इसे नई ऊंचाईयों तक पहुंचने के मौके के रूप में देख रहे हैं। नए मुकामों और ऊंचाईयों को पाने के लिए भविष्य काफी उज्जवल है.'
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बता दें कि इसरो के चंद्र मिशन को उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले उसका संपर्क टूट गया. इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का भविष्य अंधेरे में झूल गया है. अब चंद्रयान-2 मिशन पर संस्पेंस बढ़ गया है. हालांकि मिशन का सब कुछ खत्म नहीं हुआ है. जिस ऑर्बिटर से लैंडर अलग हुआ था, वह अभी भी चंद्रमा की सतह से 119 किमी से 127 किमी की ऊंचाई पर घूम रहा है.
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