कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को एक बार फिर कोविड पर जल्द जीत की घोषणा के लिए सरकार की आलोचना करते हुए पूछा कि क्या प्रधानमंत्री का नया आवास और नया संसद भवन स्वास्थ्य सुविधाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण है? अपने 'कौन जिम्मेदार है' अभियान के तहत सरकार पर सवाल उठाते हुए, प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत में कोविड की दूसरी लहर के दौरान लोगों को आईसीयू बेड, अस्पताल के बिस्तर और ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए, उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री कोविड पर जीत के नकली प्रचार में लगे हुए थे, जब देश के लोगों को ऑक्सीजन, आईसीयू, वेंटिलेटर और अस्पताल के बिस्तरों की भारी कमी का सामना करना पड़ा. लेकिन सरकार ने उस पर ध्यान नहीं दिया."
From September 2020 to January 2021, the Modi Government reduced:
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 6, 2021
👉 Oxygen beds by 36%
👉 ICU beds by 46%
👉 Ventilator beds by 28%
Why?
When every expert in the country, the Parliamentary Committee on Health and their own Sero-surveys warned them that additional… 1/2 pic.twitter.com/n6zDrfEeXE
प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि भारत में 2,27,972 ऑक्सीजन बेड हैं. लेकिन यह 36 प्रतिशत घटकर 1,57,344 रह गई.
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसी अवधि के दौरान आईसीयू बेड 66,638 से घटकर 36,008 हो गए और वेंटिलेटर बेड 33,024 से घटकर 23,618 हो गए, जिसमें 28 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
और पढ़ें: भारत में नया संकट, कोरोना के एक और वैरिएंट का हमला, है इतना खतरनाक
प्रियंका ने राष्ट्रीय राजधानी का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले साल जुलाई में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 हजार बिस्तरों वाले आईटीबीपी के अस्थायी चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया था. इस साल 7 फरवरी को सेंटर बंद कर दिया गया था. उन्होंने कहा, कोविड की दूसरी लहर के दौरान, यह चिकित्सा केंद्र केवल 2,000 बिस्तरों के साथ उपलब्ध था.
प्रियंका गांधी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति ने दूसरी लहर की चेतावनी दी थी और अस्पताल के बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता पर ध्यान देने की भी सिफारिश की थी. लेकिन सरकार का ध्यान कहीं और था.
सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जिस समय सरकार ने कोविड पर जीत की घोषणा की, वह आरोग्य सेतु ऐप पर अस्पताल के बिस्तरों की उपलब्धता का उचित डेटा प्रदान करने में असमर्थ थी. लोगों को अस्पताल के बिस्तर के लिए दर-दर भटकना पड़ा.
उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र के संबंध में सरकार की गंभीरता पर भी सवाल उठाया और कहा, "2014 में सत्ता में आने के बाद, भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 20 प्रतिशत की कटौती की और 15 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बनाने की भी घोषणा की." प्रियंका गांधी ने कहा, 15 नए एम्स में से कोई भी आज संचालित नहीं है.