देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बोर्ड परीक्षा को आयोजित करने को लेकर सियासत गर्मा गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसे लेकर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लेटर लिखा हैं. इसमें उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सीबीएसई परीक्षा नहीं करवाने का आग्रह किया है. सीबीएसई बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि वह मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित करेगा, जिसपर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है. उन्होंने इसे 'चौंकाने वाला' निर्णय बताया है.
देश भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छात्रों व उनके अभिवावकों ने CBSE परीक्षा 2021 को लेकर कुछ वाजिब चिंताएं जाहिर की हैं.
My letter to the Minister of Education @DrRPNishank asking him to reconsider allowing the CBSE to conduct board exams under the prevailing COVID wave. pic.twitter.com/Ai4Zl796il
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 11, 2021
प्रियंका ने कहा कि माता-पिता की ओर से इस बारे में 'आशंका' व्यक्त किए जाने के बावजूद सीबीएसई ने परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि ये 'आशंकाएं' अनुचित नहीं हैं, इसलिए परीक्षा रद्द की जानी चाहिए.
उसने अपने पत्र में कहा, "बड़े पैमाने पर और भीड़-भाड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना व्यावहारिक रूप से असंभव होगा. इसके अलावा, वायरस के प्रसार को देखते हुए, यह सिर्फ उन छात्रों के लिए नहीं है जो जोखिम में होंगे. लेकिन उनके शिक्षक, पर्यवेक्षक और परिवार के सदस्य जो उनके साथ संपर्क में हैं, उनके लिए भी जोखिम है. अगर कोई भी सेंटर होटस्पॉट के रूप में साबित हुआ तो, सरकार और सीबीएसई बोर्ड को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा"
"यह केवल इन बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य नहीं है, बल्कि उनकी मनोवैज्ञान के बारे में भी है जिसका गहरा प्रभाव हो सकता है. वे पहले से ही परीक्षा के भारी दबाव का सामना करते हैं, इसके अलावा, वे अब उन परिस्थितियों से डरेंगे जिनमें वे होंगे."
वहीं कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है और निर्णय लेने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श करने की सलाह दी. राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, "विनाशकारी कोरोना के दूसरी लहर के तत्वाधान में, सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. सभी हितधारकों को व्यापक निर्णय लेने से पहले सलाह लेनी चाहिए." उन्होंने कहा, "भारत के युवाओं के भविष्य के साथ भारत सरकार कितना खेलेगी."
Source : News Nation Bureau