जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि भले ही सेना ने मेजर लितुल गोगोई को सम्मानित किया है, लेकिन एक संदिग्ध पत्थरबाज को जीप के बोनट पर बांध कर मानव ढाल बनाने के मसले पर उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी। पुलिस जांच कर रही है कि आखिर ऐसी क्या परिस्थितियां थीं जिसके कारण मेजर को इस तरह का फैसला लेना पड़ा।
कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मुनीर खान ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज़ की गई एफआईआर को रद्द नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, 'जांच पूरी होने के बाद इसके रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।' उन्होंने कहा कि एक बार एफआईआर दर्ज़ हो गई तो उसे पूरा करना ज़रूरी है।
और पढ़ें: कश्मीर: 'पत्थरबाज' को जीप पर बांध कर ह्यूमन शील्ड बनाने वाले मेजर गोगोई को सेना ने किया सम्मानित
उन्होंने कहा, 'जांच में जो भी निष्कर्ष निकले वो एक अलग बात है, लेकिन जांच होगी और तय किया जाएगा कि क्या सही है और क्या गलत है।'
पिछले महीने लितुल गोगोई ने 9 अप्रैल को पोलिंग के दौरान एक आदमी को जीप से बांध दिया था। उन्हें सोमवार 22 मई को सेना ने सम्मानित किया है। आतंक-विरोधी ऑपरेशंस में योगदान के लिये उन्हें सेना प्रमुख का कमेंडेशन कार्ड दिया गया है।
और पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: युवक को जीप बोनट पर बांधने वाले मेजर को सेना की क्लीन चिट
इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 53 राष्ट्रीय राइफल के मेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। जिसके बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी बैठाई थी।
विडियो में फारूख अहमद डार को ह्यूमन शील्ड के तौर र इस्तेमाल किया गया था। जिसकी काफी आलोचना हुई थी।
और पढ़ें: बीजेपी सांसद परेश रावल का अरुंधति रॉय पर विवादित बयान, जीप से इसे बांधो, ट्विटर पर मचा बवाल
एंटरटेनमेंट की बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें
Source : News Nation Bureau