राजस्थान के पोखरण में फील्ड ट्रायल के दौरान अमेरिका से खरीदे गए लंबी दूरी के अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप के बैरल (नली) के परखच्चे उड़ने की वजह खराब हथियार थे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सेना की प्राथमिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि परीक्षण के दौरान अमेरिका से खरीदे गए तोप में खराब भारतीय गोले की वजह से होवित्जर के बैरल में धमाका हुआ।
गौरतलब है कि 2 सितंबर को राजस्थान के पोखरण में फील्ड ट्रायल के दौरान अमेरिका से खरीदे गए लंबी दूरी के अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप के बैरल (नली) के परखच्चे उड़ गए थे। इस दौरान इसमें भारतीय गोले का इस्तेमाल किया जा रहा था।
जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को खराब हथियारों की सप्लाई की गई थी, जिसकी वजह से धमाका हुआ। इस बारे में पूछे जाने पर
ओएफबी के प्रवक्ता ने कहा कि बैरल के फटने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन गोले की क्वालिटी इसका एकमात्र कारण नही हो सकता।
सेना की जांच रिपोर्ट पर टिप्पणी किए बिना प्रवक्ता ने कहा कि एम 777 में जिस हथियार का इस्तेमाल किया गया था वह क्वालिटी टेस्ट को पास कर चुका था।
सफल ट्रायल के बाद इन तोपों को चीन की सीमा पर तैनात किया जाना है।
पोखरण में फील्ड ट्रायल के दौरान अमेरिकी होवित्जर तोप का बैरल फटा, चीन की सीमा पर होनी है तैनाती
अल्ट्रा लाइट होवित्जर M-777 तोप को अमेरिका से खरीदा गया है और इसकी कीमत 35 करोड़ रुपये है।
मई में भारत को अमेरिका से दो अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप मिले थे। बोफोर्स घोटाले के करीब 30 साल बाद भारतीय सेना को यह तोप मिला है और इनमें से एक खराब निकला है।
अमेरिकी कंपनी बीएई की बनाई गई इस तोप से 2 सितंबर को राजस्थान के पोखरण में परीक्षण किया जा रहा था, तभी इसका बैरल फट गया। सूत्रों के मुताबिक, 'फायरिंग के दौरान बैरल के परखच्चे उड़ गए।' हालांकि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ था।
सूत्रों के मुताबिक, 'तोप का बैरल पूरी तरह से खराब हो गया और जांच टीम इस घटना की जांच कर रही है।' भारत को अमेरिका से 145 ऐसे तोप मिलने हैं और कुछ नए तोप की खेप सितंबर 2018 में भारत पहुंचने वाली है।
सेना में इन तोपों को मार्च 2019 से शामिल किया जाना है और इसके बाद से 2021 के मध्य तक हर महीने पांच तोपों को सेना में शामिल किया जाना है। चीन और पाकिस्तान के साथ जुड़े विवाद को देखते हुए भारतीय सेना को इन तोपों की सख्त जरूरत है।
क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज से ये तोप भारतीय सेना के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं। भारत ने इससे पहले आखिरी बार 1980 के मध्य में स्वीडेन की कंपनी बोफोर्स से होवित्जर की खरीदारी की थी। लेकिन डील में हुए घोटाले के खुलासे ने सेना के लिए जरूरी खरीदारी की पूरी प्रक्रिया को पटरी से उतार दिया।
भारत ने पिछले साल नवंबर में अमेरिका से 5,000 रुपये की डील की थी, जिसके तहत सरकार को 145 होवित्जर की सप्लाई की जानी थी।
बोफोर्स के 30 साल बाद मिले होवित्जर तोप का परीक्षण कर रही भारतीय सेना
HIGHLIGHTS
- खराब भारतीय गोले की वजह से अमेरिकी होवित्जर तोप के बैरल (नली) के उड़े थे परखच्चे
- राजस्थान के पोखरण में अमेरिकी से खरीदे गए अल्ट्रा लाइट होवित्जर M-777 का हो रहा है परीक्षण
Source : News Nation Bureau