चीन ने कहा है कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की भारत समर्थक नीतियों के कारण नेपाल और चीन के संबंध कमजोर हुए हैं। चीन ने श्रीलंका और भूटान के साथ कमजोर संबंधों के लिये भी भारत को ही दोषी माना है।
चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में सामने आई है जब नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड इस हफ्ते चीन के दौरे पर जाएंगे।
अखबार ने कहा है कि कुछ समय पहले तक प्रचंड और उनकी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल का चीन से अच्छे संबंध थे। लेकिन, पिछले साल अगस्त में दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद से परिवर्तन दिख रहा है। साथ ही वो दो बार भारत की यात्रा भी कर चुके हैं।
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अखबार के मुताबिक, प्रचंड की भारत समर्थक विदेश नीति के कारण चीन-नेपाल के संबंध निचले स्तर पर चले गए हैं।
अखबार ने कहा है कि नेपाल में चीन की परियोजनाओं में कोई ठोस प्रगति नहीं हो रही है। गौरतलब है कि प्रचंड 23 मार्च से चीन का पांच दिन का दौरा शुरू करेंगे। उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी शिंनफिंग से मुलाकात की भी संभावना है। लेख में प्रचंड पर भारत और नेपाली कांग्रेस के प्रभाव में आकर पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार गिराने का भी आरोप लगाया गया है।
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विशेषज्ञों के अनुसार ओली का प्रधानमंत्री पद से हटना चीन के लिए गहरी निराशा की बात थी। इससे तिब्बत के रास्ते नेपाल को अपने रेल एवं सड़क मार्ग से जोड़ने और हिमालयी देश में प्रभाव का विस्तार करने की योजना को लेकर झटका लगा था।
Source : News Nation Bureau