जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टेरर फंडिंग के मामले में आतंकियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई जोरों पर है. अब इस कड़ी में हिजबुल मुजाहिदीन के सात आतंकियों की 1.22 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति ईडी ने जब्त की है. यह संपत्तियां अनंतनाग, बारामूला और बांदीपोरा में स्थित थीं. इन्हें अटैच करने के आदेश मार्च में ही दिए जा चुके थे. इनमें सेब के बगीचे और दूसरी जमीनें शामिल हैं.
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इनकी हुई संपत्तियां जब्त
जब्त की गई संपत्तियां मोहम्मद शफी शाह उर्फ डॉक्टर उर्फ निसार, तालिब लाली उर्फ तालिब हुसैन लाली उर्फ वसीम उर्फ अबे उमर, गुलाम नबी खान उर्फ आमिर खान, जफर हुसैन भट्ट उर्फ खुर्शीद, अब्दुल मजीद सोफी उर्फ मजीद बिसाती उर्फ शाहीन, नजीर अहमद डार उर्फ शब्बीर इलाही उर्फ खालिद और मंजूर अहमद डार उर्फ मंसूर डार की हैं. ये संपत्तियां पीएमएलए के तहत जब्त की गई है.
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एनआईए ने दाखिल किया था आरोप पत्र
जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक सहित पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अक्टूबर में दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था. एक स्पेशल कोर्ट में नए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी फंडिंग मामले में इन सभी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ यह आरोपपत्र दाखिल किया गया था. एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक नई सामग्री में आरोपपत्र में शामिल लोगों के सीमा पार से आरोपी हाफिज सईद (लश्कर-ए-तैयबा का सह संस्थापक और जमात-उद-दावा का प्रमुख ) और सैयद सलाहुद्दीन (हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख) के साथ संबंधों को दिखाया गया है.
HIGHLIGHTS
- अनंतनाग, बारामूला और बांदीपोरा में सेब के बगीचे और जमीनें जब्त.
- कुल 1.22 करोड़ रुपए कीमत की बताई जाती हैं संपत्तियां.
- एनआईए टेरर फंडिंग मामले में कर रहा ईडी की मदद से कार्रवाई.