राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सीएम आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक के बाद बसों में सवार होकर कांग्रेस विधायक सीएम आवास से निकल चुके हैं. जानकारी के मुताबिक बैठक में 107 विधायक मौजूद रहे. जानकारी के अनुसार यह बैठक तय समय से लगभग तीन घंटे की देरी से शुरू हुई. राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि बीजेपी द्वारा लोकतंत्र का चीरहण राजस्थान की 8 करोड़ जनता का अपमान है. वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे. विधायक दल की बैठक में यह भी कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी पर विधायकों का विश्वास है और अशोक गहलोत सरकार का सर्वसम्मति से समर्थन करते हैं.
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गौरतलब है कि पार्टी पहले ही दावा कर चुकी है कि उसके पास 109 विधायकों का समर्थन है. पार्टी ने उप मुख्यमंत्री और पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सचिन पायलट के दावों को खारिज कर दिया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. इस बैठक में यह भी कहा गया कि कांग्रेस सरकार और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
इस लिए नाराज थे पायलट
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट की मांग थी कि उनसे अध्यक्ष पद ना लिया जाए. इसके साथ ही कुछ अहम मंत्रालय भी उन्हें दिया जाए. वो अपने चार विधायकों को मंत्री बनाने की मांग कर रहे थे. सचिन पायलट गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की मांग कर रहे हैं. हालांकि इसे लेकर पुष्टि नहीं हुई है.
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सचिन पायलट कल से दावा कर रहे थे कि उनके पास 30 से अधिक विधायकों का समर्थन है. लेकिन अशोक गहलोत ने सौ से अधिक विधायकों का परेड कराकर सचिन पायलट को झटका दिया है. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार तो बच जाएगी लेकिन कांग्रेस अपने कुनबे को बचाने की जुगत में लगी हुई है.
Source : News Nation Bureau