स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में दायर हलफनामे में कहा है कि कोरोना से ख़ुद का बचाव करना आखिरकार डॉक्टर की ख़ुद की ज़िम्मेदारी है. फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड ख़त्म करने की केंद्र की नई गाइडलाइन पर सवाल उठाने वाली याचिका में जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये हलफनामा दायर किया है.
हलफनामे में कहा है कि हॉस्पिटल इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी की जिम्मेदारी है कि वो अस्पताल के अंदर कोरोना (Coronavirus) के संक्रमण को लेकर ज़रूरी कदम उठाए. वही अंततः ये जिम्मेदारी डॉक्टर की है कि वो ख़ुद को इस लिहाज से प्रशिक्षित करे और संक्रमण से बचे रहने के लिए ज़रूरी कदम उठाए.
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Suprme court) में आरुषि जैन नाम की एक डॉक्टर की ओर से दायर याचिका में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अस्पताल के पास रहने की समुचित व्यवस्था करने की मांग की गई थी. बाद में याचिकाकर्ता ने हलफनामा दायर कर 15 मई की स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस पर सवाल उठाए थे. याचिकाकर्ता ने 14 दिन का ज़रूरी क्वारंटाइन पीरियड खत्म करने पर सवाल उठाए थे. कोर्ट द्वारा सरकार से जवाब तलब करने के बाद सरकार ने ये जवाब दाखिल किया है.
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हलफनामे में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अगर स्वास्थ्यकर्मी तमाम ज़रूरी एहतियात का पालन करते है, PPE किट पहनते है तो वो किसी भी संभावित खतरे से बचे है और उनके जरिये परिवार, बच्चों में संक्रमण का ख़तरा नहीं है. बाकी जहां एक्सपोजर ज़्यादा है, 14 दिन क्वारंटाइन वाला नियम अभी भी लागू है.
Source : News Nation Bureau