Advertisment

Protem Speaker Controversy: ‘कांग्रेस सुरेश को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करे’, बहस के बीच बोले केरल BJP प्रमुख

प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति को लेकर बहस जारी है. इस बीच भाजपा केरल प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस को सुरेश को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया जाना चाहिए.

author-image
Publive Team
New Update
Protem Speaker Contoversy  2

Protem Speaker Contoversy ( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Protem Speaker Controversy: भारत की राजनीति फिलहाल प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के इर्द-गिर्द ही घूम रही है. कांग्रेस लगतार भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने का विरोध कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की वरिष्ठता को नजरअंदाज किया है. इस बीच, केरल भाजपा प्रमुख ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सुरेश को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाना चाहिए. शनिवार को के सुरेंद्रन ने फेसबुक पर पोस्ट पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को किसी भी कीमत पर सुरेश को एलओपी बनाना चाहिए. उन्हें प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाया गया इसलिए एलओपी बनाकर कांग्रेस को विरोध जताना चाहिए. 

बता दें, 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा. प्रोटेम स्पीकर महताब नई लोकसभा के सभी सदस्यों को शपथ दिलाएंगे. सत्र शुरू होने के दो दिन बाद 26 जून को अध्यक्ष पद का चुनाव होगा.  

संसदीय कार्यमंत्री ने साधा निशाना
मामले में एक दिन पहले, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधा था. उन्होंने कांग्रेस पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि प्रोटेम स्पीकर के चयन में परंपराओं का पालन किया गया है. मुझे शर्म आती है, कांग्रेस इस तरह की बयानबाजी कर रही है. रिजिजू ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा था कि सुरेश आठ बार के सांसद है लेकिन 1998 और 2004 में वह लोकसभा के सदस्य नहीं थे. इस हिसाब से सुरेश लगातार आठ बार के सांसद नहीं हुए. ‘सुरेश दलित हैं, इस वजह से क्या सुरेश को नजरअंदाज किया गया’ कांग्रेस के इस आरोप के सवाल पर रिजिजू ने कहा कि आपको लगता है ऐसी बयानबाजी जायज है. उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर झूठे और भ्रामक बयान देने के आरोप लगाए. 

कांग्रेस ने लगाए यह आरोप
दो दिन पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने नियुक्ति पर सवाल उठाए थे. उन्होंने एक्स पर कहा था कि परंपरा के अनुसार, जिस सांसद का कार्यकाल सबसे अधिक है, उसे यह पद दिया जाता है. इस हिसाब से कांग्रेस के कोडिकुुन्निल सुरेश और भाजपा के वीरेंद्र कुमार सबसे वरिष्ठ हैं. दोनों नेता अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. उनका कहना है कि मुझे उम्मीद थी कि सुरेश लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर बनेंगे लेकिन सात बार के सांसद महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया.

कौन हैं सांसद भर्तृहरि महताब
बता दें कि प्रोटेम स्पीकर बने भर्तृहरि महताब ओडिशा की कटक लोकसभा सीट से सांसद हैं वह इस सीट से लगातार सात बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. वह पहले बीजू जनता दल में थे लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पार्टी की स्थाई सदस्यता से इस्तीफा दिया. उसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्होंने इस बार भी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. 

क्यों होती है प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति?
दरअसल, प्रोटेम स्पीकर संसद का अस्थाई अध्यक्ष होता है. जिसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति उस स्थिति में करता है जब संसद संसद के नियमित स्पीकर का चुनाव न हुआ हो. इसीलिए प्रोटेम स्पीकर का काम संसद के निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाना है. इसके अलावा प्रोटेम स्पीकर नए स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया का भी संचालन करता है. जैसे ही संसद के नए स्पीकर की नियुक्ति होती है वैसे ही प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारियां समाप्त हो जाती हैं.

Source : News Nation Bureau

BJP congress opposition leader boycott lok sabha session Kiren Rijiju Lok Sabha Speaker Kodikunnil Suresh Lok Sabha Speaker Election Protem Speaker controversy Bhartuhari Mahtab Appointment
Advertisment
Advertisment
Advertisment