सेना में भर्ती की नई व्यवस्था अग्निपथ के खिलाफ छात्रों का गुस्सा शांत होता नजर नहीं आ रहा हैं. सरकार की चार साल वाली अग्निपथ योजना के ऐलान से गुस्साए छात्रों ने दूसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार की सुबह बिहार के लखीसराय में आक्रोशित प्रदर्शनकारी छात्रों ने रेलवे ट्रैक पर आगजनी की. इसके बाद विक्रमशिला एक्सप्रेस को प्रदर्शनकारियों ने खाली कराकर 5 बोगियों का शीशा तोड़ दिया. इससे भी जब इन छात्रों का मन नहीं भरा तो बोगियों में आग लगा दी. आगजनी के बाद विक्रम शिला एक्सप्रेस का बोगियां धू-धू कर जलती दिख रही है. इसके अलावा बिहार के ही समस्तीपुर के मोहिउद्दीन नगर रेलवे स्टेशन पर भी छात्रों ने ट्रेन में आग लगा दी है.
यूपी के बलिया में भी रेल पटरियों पर छात्रों का प्रदर्शन
बलिया पुलिस ने शुक्रवार सुबह कुछ स्थानीय युवाओं के प्रयासों को विफल कर दिया, जो सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे. जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा कि रेलवे ट्रैक पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और पथराव करने वाले प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने पीछे खदेड़ दिया है. इस बीच, बिहार में प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों पर किए गए हमलों के कारण चंदौली के दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन पर ट्रेन की आवाजाही पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. रेलवे सूत्रों के मुताबिक कुछ रूटों पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है, जबकि कुछ ट्रेनों में देरी हुई है.
नियम में बदलाव से भी शांत नहीं हुआ छात्रों का गुस्सा
सेना भर्ती की नई व्यवस्था अग्निपथ के खिलाफ छात्रों को हिंसक प्रदर्शन के बाद सरकार ने गुरुवार शाम को बदलाव कर इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऊपरी आयु सीमा में 2 साल की वृद्ध कर 21 से 23 साल कर दिया है. यानी अब 23 साल के युवक भी इस योजना के तहत सेना में अपनी सेवा दे सकेंगे. लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद भी छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. छात्र दूसरे दिन भी सड़कों और रेलवे ट्रैक पर हिंसा और उत्पात मचा रहे हैं.
दो दिन से सड़कों पर हैं युवा
अग्निपथ के विरोध में देश के कई राज्यों के युवा सड़कों पर है. युवाओं के गुस्से की आग बिहार, राजस्थान और हरियाणा की सड़कों और रेल पटरियों पर देखा जा सकता है. जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन, आगजनी और बवाल की खबरें आ रही हैं. केंद्र सरकार ने चंद दिनों पहले सेना में सैनिकों की नई भर्ती योजना का खुलासा किया था. सरकार के कहना है कि इससे सेना और सशक्त बनेगी. लेकिन सेना में 18 साल की उम्र में भर्ती होने वाले 75 फीसदी युवा 4 साल बाद यानी 22 की उम्र में रिटायर हो जाएंगे. बाकि 25 प्रतिशत सैनिक ही 15 साल के लिए रेगुलर होंगे. युवाओं का गुस्सा इसी को लेकर है. चार साल ऐसे सैनिकों के रोजगार का कोई इंतजाम होगा, अग्निवीर योजना में कुछ उल्लेख नहीं है.
विशेषज्ञों ने भी योजना पर उठाए सवाल
सेना और सरकार जहां इस योजना का लाभ गिना रही है, वहीं कई विशेषज्ञ इस योजना के दूरगामी परिणाम की आशंका जता रहे हैं. सेना में प्रशिक्षित युवाओं को चार साल बाद घर बैठा देने से उनके भटकने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. फिलहाल, बुधवार को देश के कई राज्यों में युवा सड़कों पर उतर कर अग्निवीर योजना का विरोध कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- अग्निपथ के खिलाफ छात्रों का हिंसक प्रदर्शन जारी
- बिहार में लखीसराय और समस्तीपुर में ट्रेनें फूंकी
- देश के दूसरे हिस्सों से भी आ रही है प्रदर्शन की खबर