आंध्र विशेष दर्जा मुद्दा सुलझाने में नाकाम रहे वेंकैया नायडू, राज्यसभा में हंगामा

राज्यसभा में गुरुवार को आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर हंगामा हुआ। सभापति एम. वेंकैया नायडू भी इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश में असफल रहे।

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
आंध्र विशेष दर्जा मुद्दा सुलझाने में नाकाम रहे वेंकैया नायडू, राज्यसभा में हंगामा

सभापति एम. वेंकैया नायडू

Advertisment

राज्यसभा में गुरुवार को आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर हंगामा हुआ। सभापति एम. वेंकैया नायडू भी इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश में असफल रहे। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सदस्यों ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के मुद्दे को फिर उठाते हुए इस संकट के समाधान की मांग की।

इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करते हुए नायडू ने केंद्रीय मंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्य वाई.एस.चौधरी को आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग पर सुझाव देने की अनुमति दी।

चौधरी ने कहा, 'यदि सरकार चाहती है तो विशेष दर्जा श्रेणी के कुछ मुद्दे हैं। सरकार के समक्ष मेरा आग्रह यह है कि वे 15 दिनों में इस संकट को सुलझा सकते हैं। वित्त मंत्री को बजट पर अपने समापन संबोधन में इसका जवाब देना चाहिए था।'

और पढ़ें: अयोध्या विवाद: SC ने कहा- रामायण और भगवत गीता समेत 10 धार्मिक किताबों का हो अनुवाद

इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय मामलों के राज्यमंत्री विजय गोयल ने आश्वासन दिया कि वित्त मंत्री अपने बजट पर समापन चर्चा के दौरान इस मुद्दे को उठाएंगे लेकिन वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ सदस्यों ने चौधरी के बयान पर विरोध जताया।

वाईएसआरसीपी के सदस्य विजयसाई रेड्डी ने कहा, 'तेदेपा बीजेपी की सहयोगी पार्टी है और सरकार का हिस्सा है, जिसने राष्ट्रपति के संबोधन को मंजूरी दी। तो अब इसका कोई मंत्री इससे अलग रुख कैसे अख्तियार कर सकता है।'

इसके बाद सभापति ने स्पष्ट किया कि मंत्री ने समाधान खोज निकालने के लिए सुझाव दिए थे।

उन्होंने कहा, 'कोई संवैधानिक दुरुपयोग नहीं हुआ है। यदि कोई सुझाव देना चाहता है तो वह दे सकता है। अपनी पार्टी के सदस्य के रूप में मंत्री सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने विरोध नहीं जताया है बल्कि इस मुद्दे के समाधान के लिए सुझाव दिए हैं।'

लेकिन इसके बावजूद विपक्षी सदस्यों ने विरोध जारी रखा। नायडू ने इसके बाद दोपहर दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करते हुए कहा, 'आप समाधान नहीं चाहते। मैं सदन को स्थगित कर रहा हूं।'

बता दे कि तेलुगू देशम पार्टी सरकार की सहयोगी पार्टी है और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रही है।

और पढ़ें: बांग्लादेश की विपक्ष की नेता खालिदा जिया को भ्रष्टाचार मामले में 5 साल की जेल

इससे पहले जब सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रेणुका चौधरी की हंसी पर की गई टिप्पणी को लेकर सदन में हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

इसके बाद जैसे ही शून्यकाल शुरू हुआ। कांग्रेस सदस्य अपनी सीटों से खड़े हुए और नारेबाजी करने लगे। आंध्र प्रदेश के सदस्यों को भी राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने का मुद्दा उठाते देखा गया।

राज्यसभा सभापति नायडू ने विरोध कर रहे सदस्यों से सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं करने का आग्रह किया लेकिन कांग्रेस के सांसदों का प्रदर्शन जारी रहा।

उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। अपनी-अपनी सीटों पर जाइए। आप चाहते हैं कि सदन स्थगित कर दिया जाए? तो मेरे पास सदन को स्थगित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।'

इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

मोदी ने बुधवार को सदन में रेणुका चौधरी पर चुटकी ली थी। दरअसल, मोदी ने कहा था कि आधार की अवधारणा अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान सामने आई थी, जिस पर रेणुका चौधरी ठहाका लगाकर हंसी थी।

मोदी ने कहा था, 'सभापति जी, रेणुकाजी को मत रोकिए। जब से रामायण धारावाहिक खत्म हुआ है, पहली बार इस तरह की हंसी सुनने को मिली है।'

और पढ़ें: रेणुका की हंसी पर RS में हंगामा, रिजिजू ने बताया- 'शूर्पणखा', कांग्रेस बोली- PM माफी मांगें

Source : IANS

PM modi BJP Andhra Pradesh congress rajya-sabha Venkaiah Naidu Renuka Chaudhary
Advertisment
Advertisment
Advertisment