पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के छात्रों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है. 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 40 जवानों के शहीद होने के बाद दूसरे राज्यों में कश्मीरी लोगों के साथ मारपीट और धमकी मिलने की रिपोर्ट सामने आईं हैं. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.
शनिवार को आतंकी हमले को लेकर दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया.
केंद्र द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, 'हम जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए. हम दुख की इस घड़ी में सभी देशवासियों के साथ उनके परिवारों के साथ खड़े हैं.'
प्रस्ताव के मुताबिक, 'हम हर रूप में आतंकवाद की और सीमा पार से इसको दिए जा रहे समर्थन की भर्त्सना करते हैं.'
प्रस्ताव के अनुसार, 'भारत पिछले 3 दशकों से आतंकवाद का दंश सहन कर रहा है. पिछले कुछ समय से भारत में आतंकवाद को सीमापार स्थित ताकतों से सक्रिय समर्थन मिल रहा है. भारत ने इन चुनौतियों का मजबूती से सामना किया है. समूचा राष्ट्र एक स्वर में दृढ़ निश्चय के साथ इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कृत संकल्प है. आज हम एकजुट होकर देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने में तथा आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में जुटे अपने सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.'
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सर्वदलीय बैठक के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी और सुरक्षा बलों को आतंकी समूहों से निपटने की खुली छूट दे दी गई है.
राजनाथ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जो लोग प्यार और शांति चाहते हैं, वे आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमारे साथ खड़े हैं. वहीं विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी एक बैठक की मांग की है.
Source : News Nation Bureau